09 August 2024
राजस्थान में इस बार मॉनसून में इतने बादल बरसे की सूख चुकी नदी एक बार फिर जाग उठी. मरूगंगा के नाम से विख्यात लूणी नदी में पानी आने से आसपास के इलाकों में खुशी की लहर छा गई.
आसपास के जिलों में अच्छी बारिश के बाद जब अजमेर और जयपुर से होती हुई लूणी नदी बाड़मेर पहुंची तो ग्रामीणों ने ढोल-नगाड़ों से नदी का स्वागत किया. लोग ढोल की थाप पर पारंपरिक लोकगीतों से साथ नाचते-झूमते नजर आए.
ग्रामीणों ने नदी में आए पानी को चुनरी ओढ़ाकर स्वागत किया तो विधिवत रूप से पूजा अर्चना भी की.
रेगिस्तान के मरुस्थलीय बाड़मेर जिले में कई बार बारिश ना होने की वजह से अकाल की स्थिति बनी रहती है लेकिन पिछले 5 साल में अच्छी बारिश के चलते लूणी नदी दूसरी बार उफान पर आई है. इससे पहले पिछले साल बिपरजॉय तूफान के दौरान भी लूणी नदी में पानी आया था.
लूणी नदी ने जब बाड़मेर में प्रवेश किया तो जगह -जगह लोगों ने पानी की पूजा अर्चना कर नदी का स्वागत किया. लोगों का मानना है कि जिस बहाव से मरुगंगा ने वापसी की है, वो क्षेत्र के लिए काफी शुभ है. इससे प्रदूषण में भी कमी आयेगी और जमीनी जलस्तर भी बढ़ेगा.
राजस्थान की मरुगंगा कही जाने वाली लूणी नदी अजमेर की नाग पहाड़ी से निकलती है और 9 जिलों के बहाव क्षेत्र से होती ही लूणी गुजरात पहुंचकर अरबसागर में मिल जाती है.
पिछले 5 दिन से नदी के अलग -अलग बहाव क्षेत्रों ने हो रही अच्छी बारिश के कारण लूणी नदी उफान पर है और लगातार नदी में पानी बढ़ रहा है.