13 Feb 2025
By अतुल कुशवाह
वैलेंटाइन वीक में आज Kiss Day है. शायरों ने भी इस मौजूं पर बेहतरीन शेर कहे हैं. आप इस विषय पर कही गई शायरी का लुत्फ ले सकते हैं.
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नाज़ुकी उसके लब की क्या कहिए पंखुड़ी इक गुलाब की सी है. (मीर तकी मीर)
क्या ताब क्या मजाल हमारी कि बोसा लें लब को तुम्हारे लब से मिलाकर कहे बगैर. (बहादुर शाह ज़फ़र)
ले लो बोसा अपना वापस किसलिए तकरार की क्या कोई जागीर हमने छीन ली सरकार की. (अकबर मेरठी)
सभी इनआम नित पाते हैं ऐ शीरीं-दहन तुझसे कभी तू एक बोसे से हमारा मुंह भी मीठा कर. (जुरअत क़लंदर बख़्श)
क्या कयामत है कि आरिज़ उनके नीले पड़ गए हमने तो बोसा लिया था ख्वाब में तस्वीर का. (अज्ञात)
मोहब्बत एक पाकीज़ा अमल है इसलिए शायद सिमटकर शर्म सारी एक बोसे में चली आई. (मुनव्वर राना)
दिखा के जुम्बिश-ए-लब ही तमाम कर हम को न दे जो बोसा तो मुंह से कहीं जवाब तो दे. (मिर्जा गालिब)
बदन का सारा लहू खिंच के आ गया रुख पर वो एक बोसा हमें दे के सुर्ख़-रू है बहुत. (ज़फर इकबाल)