मोर्मूगाओ: समंदर में दुश्मनों का काल! देखें कितना खतरनाक
पी15बी स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर मोर्मूगाओ को 18 दिसंबर को भारतीय नौसेना में शामिल कर लिया जाएगा.
मोर्मूगाओ को रक्षामंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में मुम्बई के नौसेना डॉकयार्ड में दूसरे डिस्ट्रॉयर को नौसेना में शामिल किया जाएगा.
इसकी डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार की है. निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड, मुम्बई ने किया है.
इस शानदार डिस्ट्रॉयर की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7400 टन है. इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है.
इसे शक्तिशाली चार गैस टर्बाइनों से गति मिलती है. यह पलक झपकते 30 समुद्री मील तक की गति पकड़ सकता है. राडार भी इसे आसानी से नहीं पकड़ सकता.
मोर्मूगाओ ‘उत्कृष्ट’ हथियारों और दूरसंवेदी उपकरणों से लैस है, जैसे जमीन से जमीन पर और जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें. इसमें आधुनिक निगरानी राडार लगा है.
इसकी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को देश में ही विकसित किया गया है तथा इसके अंदर रॉकेट लॉन्चर, तारपीडो लॉन्चर और एसएडब्लू हेलीकॉप्टर की भी व्यवस्था है.
इसमें एटॉमिक, जैविक और रासायनिक युद्ध परिस्थितियों से लड़ने में सक्षम है. इसमें लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा पूर्ण रूप से स्वदेशी है.