ग्वालियर के फूलबाग चौराहे पर सिंधिया रियासतकालीन गोपाल मंदिर स्थित है. इस मंदिर में राधा-कृष्ण की मनमोहक मूर्तियां स्थापित हैं.
हर साल जनमाष्टमी पर राधा-कृष्ण का हीरा-पन्ना जड़ित सोने से निर्मित कीमती आभूषणों से विशेष श्रृंगार किया जाता है.
जनमाष्टमी पर मंदिर प्रबंधन द्वारा बैंक के लॉकर में रखे इन आभूषणों को निकाला जाता है और फिर मंदिर में लाया जाता है.
जन्माष्टमी के दिन भारी सुरक्षाबबलों के बीच ट्रिपल लेयर सिक्योरिटी के बीच जेवरात मंदिर लाए जाते हैं. बैंक से लेकर मंदिर तक भारी फोर्स के बीच सायरन बजाता हुआ पुलिस वाहनों का काफिला गहनों को लेकर आता है और फिर अगले दिन सुरक्षा के बीच बैंक में जमा करा दिए जाते हैं.
गोपाल मंदिर 102 साल पुराना है. जन्माष्टमी पर मंदिर को खास तरीके से सजाया जाता है. पुलिस की तैनाती की जाती है. हजारों की संख्या में लोग मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं.
आभूषणों में हीरे-जवाहरात पन्ना, माणिक्य जड़े हुए हैं. राधा-कृष्ण की पूजा सामग्री के दीप, छत्र, थाल, भोग की कटोरियां भी कीमती धातुओं की हैं.
इन आभूषणों की वर्तमान में 125 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत बताई जाती है.
इस सारे कीमती सामना की लिस्ट जारी होती है. टीम के सामने ही सारी कीमती चीजें बाहर निकाली जाती हैं और फिर जन्माष्टमी के अगले दिन इन वापस बैंक के लॉकर में जमा करा दिया जाता है.