3 Mar 2025
By Aajtak.in
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आज फ्रेंडशिप डे मनाया जा रहा है. इंसान की जिंदगी में दोस्त एक खूबसूरत तोहफा है. इस मौके पर हम लेकर आए हैं चुनिंदा शायरों के कहे गए कुछ शेर.
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दुश्मनों से पशेमान होना पड़ा दोस्तों का खुलूस आजमाने के बाद रंज हद से गुजर के खुशी बन गया हो गए पार हम डूब जाने के बाद. (खुमार बाराबंकवी)
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तुम्हारी बेरुखी ने लाज रख ली बादा खाने की तुम आंखों से पिला देते तो पैमाने कहां जाते चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी वगर्ना हम जमाने भर को समझाने कहां जाते. (कतील शिफाई)
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तुझसे मिलकर तो ये लगता है कि ऐ अजनबी दोस्त, तू मेरी पहली मोहब्बत थी मेरी आखिरी दोस्त लोग हर बात का अफसाना बना देते हैं, ये तो दुनिया है मेरी जां कई दुश्मन कई दोस्त. (अहमद फराज)
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कभी हममें तुममें भी चाह थी कभी हमसे तुमसे भी राह थी, कभी हम भी तुम भी थे आश्ना तुम्हें याद हो कि न याद हो. सुनो जिक्र है कई साल का कि किया इक आप ने वादा था, सो निबाहने का तो जिक्र क्या तुम्हें याद हो कि न याद हो. (मोमिन खां मोमिन)
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दिल के लुटने का सबब पूछो न सब के सामने नाम आएगा तुम्हारा ये कहानी फिर सही नफरतों के तीर खाकर दोस्तों के शहर में हम ने किस किस को पुकारा ये कहानी फिर सही. (मसरूर अनवर)
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कहने को बहुत कुछ था अगर कहने पे आते दुनिया की इनायत है कि हम कुछ नहीं कहते कुछ कहने पे तूफान उठा लेती है दुनिया अब इस पे कयामत है कि हम कुछ नहीं कहते. (राजेन्द्र कृष्ण)
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मैं अब हर शख्स से उक्ता चुका हूं फकत कुछ दोस्त हैं और दोस्त भी क्या. हम को यारों ने याद भी न रखा जौन यारों के यार थे हम तो. (जॉन एलिया)
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भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली. मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला. (बशीर बद्र)
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