आज के सूर्योदय के साथ ही सूर्यवंशी राम के भक्तों की वर्षों पुरानी प्रतीक्षा का अंधेरा छंट गया है.
सूर्योदय के साथ उस दिन की शुरुआत हो गई है, जब रामजन्मभूमि को उसका पुराना गौरव मिलने वाला है.
ब्रह्ममुहूर्त में मंदिर के पट खुल चुके हैं.
अब उस विशेष मुहूर्त की तैयारी है, जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी.
प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान की शुरुआत सुबह 8 बजे से हो गई है.
अयोध्या नगरी को हजारों क्विंटल फूलों से दुल्हन की तरह सजाया गया है. अवधपुरी में उत्सव सा माहौल है.
सूर्यवंश की राजधानी अयोध्या धाम समेत पूरे देश के मंदिरों में राम संकीर्तन और राम चरित मानस का पाठ हो रहा है.
सुबह करीब 5:30 बजे श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पट खुले चुके हैं. इसके बाद प्रभु श्रीराम की पुरानी मूर्ति का स्नान और श्रृंगार किया गया.
अस्थाई मंदिर में विराजमान रामलला की जैसे पूजा की जाती रही उसी तरह उनका पूजन-अर्चन श्रृंगार और भोग राग होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में पहुंचेंगे तो वह सबसे पहले अस्थाई मंदिर से लाए गए विराजमान रामलला की ही पूजा करेंगे. इसके बाद वह पंचांग पूजा करेंगे.