14 April 2025
अब तक आपने जमीनों का मुआवजा लाखों और करोड़ों में मिलते सुना होगा. लेकिन महाराष्ट्र में एक किसान को खेत में खड़े एक पेड़ ने रातोरात करोड़पति बना दिया.
दरअसल, यवतमाल की पुसद तहसील के खुर्शी गांव में केशव शिंदे नामक किसान के पुश्तैनी सात एकड़ खेत में एक पेड़ लगा है. साल 2013-14 तक शिंदे परिवार को यह नहीं पता था कि यह पेड़ किस प्रजाति का है.
उसी दौरान रेलवे का एक सर्वे हुआ, और कर्नाटक से आए कुछ अधिकारियों ने शिंदे परिवार को बताया कि यह पेड़ 'रक्त चंदन' का है, जिसकी कीमत बहुत ज्यादा है. यह सुनकर शिंदे परिवार आश्चर्यचकित रह गया.
इसके बाद रेलवे ने उस जमीन का अधिग्रहण कर लिया, लेकिन पेड़ की कीमत देने से बचने की कोशिश की. तब शिंदे परिवार ने निजी तौर पर पेड़ का मूल्यांकन कराया, जो करीब 4 करोड़ 97 लाख रुपये आंका गया.
रेलवे ने इस मूल्य को स्वीकार करने से इनकार कर दिया, जिसके चलते शिंदे परिवार ने मामला अदालत में ले गया.
अदालत ने आदेश दिया कि पेड़ के मूल्य के एवज में एक करोड़ रुपये की राशि अदालत में जमा कराई जाए. साथ ही, इसमें से 50 लाख रुपये किसान के खाते में जमा करने का निर्देश दिया गया, और शिंदे परिवार को यह राशि निकालने की अनुमति भी मिल गई.
शुरुआत में शिंदे परिवार ने एक निजी इंजीनियर से रक्त चंदन के पेड़ का मूल्यांकन करवाया था, लेकिन उसकी कीमत अधिक बताई गई, जिसे रेलवे ने मानने से इनकार कर दिया. इसके बाद परिवार ने यह मामला मुंबई हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में पेश किया.
करीब 100 साल पुराने इस विशाल रक्त चंदन के पेड़ के बदले मध्य रेलवे ने एक करोड़ रुपए की राशि हाईकोर्ट में जमा कराई है.
अदालत ने इसमें से 50 लाख रुपए निकालने की अनुमति दे दी है और शेष मूल्य का उचित मूल्यांकन कर किसान को पूरा मुआवजा देने के आदेश भी दिए हैं.