25 Apr 2025
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मलेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मादा एनोफिलीज नामक मच्छर के काटने से फैलती है. मलेरिया होने पर बुखार, सिर दर्द, उल्टी आना, ठंड लगना, थकान होना, चक्कर आना और पेट में दर्द जैसे सामान्य लक्षण दिखते हैं.
हर साल इस बीमारी से लाखों लोग प्रभावित होते हैं. लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं, मलेरिया से बचने के आयुर्वेदिक उपाय क्या हैं?
दालचीनी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं, जो मलेरिया से लड़ने में मदद करते हैं.
अगर आपको मलेरिया के लक्षण हैं तो दालचीनी और काली मिर्च पाउडर को गर्म पानी में मिलाकर दिन में दो बार पिएं.
हल्दी में एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. मलेरिया से बचने के लिए रात में सोने से पहले दूध में हल्दी डाल कर पिएं.
अगर आपको मलेरिया है तो अपनी डाइट में ऑरेंज जूस को शामिल करें. विटामिन C से भरपूर ऑरेंज इम्यूनिटी बूस्ट तो करता ही है साथ ही बुखार को भी कम करता है.
अदरक में एंटी-माइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. मलेरिया से बचने के लिए अदरक को गर्म पानी में शहद के साथ मिलाकर पिएं.
अगर मलेरिया के लक्षण है तो खाना रिफाइंड के बजाए सरसों तेल में पकाएं. यह इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है.
इसके अलावा, मलेरिया से बचने के लिए रात में मच्छरदानी लगा कर सोएं, घर के आस-पास पानी न जमा होने दें, फुल बाजू के कपड़े पहनें और अपने आस-पास साफ-सफाई का ध्यान रखें.
खबर में बताई गई चीजें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.