22 Mar 2025
जब भी आप बीमार पड़ते हैं तो डॉक्टर सबसे पहले आपकी जीभ देखते हैं क्योंकि जीभ के रंग से बहुत सी बीमारियों के बारे में पता लगाया जा सकता है.
जीभ का काम सिर्फ खाने के स्वाद का एहसास कराना ही नहीं होता बल्कि इससे हमारे स्वास्थ्य के बारे में भी कई बातें पता चल जाती हैं.
जीभ का रंग, टेक्सचर, कोटिंग और उसमें होने वाले बदलाव विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत हो सकते हैं.
अगर आपकी जीभ पीली है या उसमें सफेदी है, तो यह खून की कमी या लीवर की समस्या का संकेत हो सकता है. पीलापन का बढ़ना जॉन्डिस का संकेत हो सकता है, इसलिए लिवर फंक्शन टेस्ट की सलाह दी जाती है.
लाल जीभ शरीर में अत्यधिक गर्मी या इन्फ्लेशन का संकेत करती है और इसे आयुर्वेद में पित्त दोष का बढ़ना कहा जाता है. ठंडक देने वाले खाद्य पदार्थ जैसे नारियल पानी, नींबू पानी इस स्थिति में लाभकारी हो सकते हैं.
नीली जीभ शरीर में खराब ब्लड सर्कुलेशन का संकेत देती है, जिसे साइनोसिस कहा जाता है. यह हृदय या फेफड़ों की समस्या का संकेत हो सकता है, इसलिए चिकित्सकीय परामर्श जरूरी है.
जीभ पर मोटी सफेद कोटिंग होना पाचन से संबंधित समस्याओं का संकेत है. इससे यह पता चलता है कि खाना आसानी से पचता नहीं है और शरीर में टॉक्सिन जमा हो रहे हैं.
जीभ में क्रैक्स विटामिन बी की कमी और डिहाइड्रेशन का संकेत है. मुँह के छाले पेट की गर्मी या एसिडिटी के कारण होते हैं. इनसे बचाव के लिए ठंडी चीजों का सेवन करें.
कई बार फूड एलर्जी या बॉडी के अंदर इन्फ्लेमेशन होने के कारण आपकी जीभ में सूजन आ सकती है.