क्या होगा अगर आप अधिक चीनी खाएंगे? डायबिटीज एक्सपर्ट ने बताया

इंडियन खाने में डायरेक्ट या इनडायरेक्ट रूप से चीनी शामिल होती ही है. अब चाहे वह ब्रेड हो या कैचअप, पैक्ड सूप हो या ग्रेनोला.

चीनी और इंडियन फूड

कुछ समय पहले आईसीएमआर की गाइडलाइन में कहा गया है कि इंडियंस को अपनी कुल कैलोरी का 5 प्रतिशत से कम ही चीनी से लेना चाहिए, यानी अगर कोई 2000 कैलोरी लेता है तो उसे 100 कैलोरी ही चीनी से लेनी चाहिए.

कितनी चीनी खानी चाहिए

क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायबिटीज एजुकेटर कनिका मल्होत्रा के मुताबिक, 'शुगर (ग्लूकोज) आपके द्वारा खाए गए भोजन यानी कार्बोहाइड्रेट से भी प्राप्त होती है और आपका लिवर भी इसे बना सकता है.'

'जब आप बहुत अधिक चीनी खाते हैं तो आपका शरीर इसे एनर्जी के लिए इस्तेमाल करने के लिए फोर्स करता है. साथ ही लिवर ग्लूकोज में से चीनी के कुछ हिस्से को ग्लाइकोजन (स्टोर्ड एनर्जी) के रूप में स्टोर कर लेता है.' 

'अगर आप लगातार अधिक चीनी खाते हैं तो यह फैट में कन्वर्ट हो जाता है और शरीर में जमने लगता है जिससे आपका वजन बढ़ने लगता है.'

'अगर आप लगातार अधिक चीनी खाते हैं तो यह फैट में कन्वर्ट हो जाता है और शरीर में जमने लगता है जिससे आपका वजन बढ़ने लगता है. साथ ही साथ हार्ट डिसीज, टाइप 2 डायबिटीज और कैंसर जैसी पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है.

Harvard Education का कहना है, 'अगर आप अधिक एडेड शुगर का सेवन करते हैं तो समस्या बढ़ सकती है क्योंकि ऐसी चीजों में फ्लेवर्ड और शेल्फ लाइफ बढ़ाने वाले प्रिजर्वेटिव्स मिलाए जाते हैं.'

हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में न्यूट्रिशन के प्रोफेसर डॉ. फ्रैंक हू का कहना है, 'चीनी अधिक खाने से मोटापा और शुगर लेवल तो बढ़ता ही है, साथ ही साथ हार्ट हेल्थ पर भी प्रभाव पड़ता है.' 

अधिक मात्रा में चीनी का सेवन करने से लिवर पर लोड पड़ता है. आपका लिवर शुगर को उसी तरह मेटाबॉलाइज करता है जैसा कि अल्कोहल को. फिर वह डाइट्री कार्बोहाइड्रेट को फैट में कन्वर्ट कर देता है.

अब जैसे-जैसे फैट की मात्रा बढ़ती जाती है, वैसे-वैसे फैटी लिवर की समस्या होने लगती है और किसी को भी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी का सेवन करने से ब्लडप्रेशर बढ़ सकता है और सूजन भी बढ़ सकती है, जो दोनों ही हार्ट डिसीज के लिए जिम्मेदार होते हैं.