भारत में मोटापा एक बढ़ती हुई समस्या है. कई अध्ययनों में बताया गया है कि पिछले कुछ सालों में बच्चों और वयस्कों समेत अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त व्यक्तियों की संख्या में तेज वृद्धि हुई है.
कई रिपोर्ट्स में तो यहां तक दावा किया गया है कि 2050 तक भारत दुनिया में दूसरी सबसे बड़ी मोटापे से ग्रस्त आबादी हो सकती है.
कई बार लोग मोटापे को सामान्य समझकर उसकी अनदेखी करती है. लेकिन मोटापा अपने-आप में एक बड़ी बीमारी है जो अकेले नहीं आता है बल्कि कई बीमारियों को साथ लाता है.
पुरुषों के साथ ही भारतीय महिलाओं के बीच भी मोटापे की समस्या काफी कॉमन है जो ना केवल उनकी पर्सनैलिटी को खराब करता है बल्कि कई बीमारियां भी देता है.
देश के जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर सरीन ने कुछ समय पहले आजतक एजेंडा में बताया था कि मोटापा लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है.
इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि महिलाओं का उनकी हाइट यानी लंबाई के हिसाब से कितना वजन होना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'उदाहरण के लिए अगर किसी महिला की हाइट 160 सेमी है तो उससे 100 घटा दें, बच गया 60. यानी उसका सही वजन 60 किलो है.'
उन्होंने कहा कि अगर फैमिली हिस्ट्री में डायबिटीज, हार्ट या कैंसर जैसी बीमारियां हैं तो 5 से 6 किलो वजन और कम होना चाहिए.
इससे आपको उन बीमारियों का रिस्क पैदा करने वाले फैक्टर्स से सुरक्षित रहने में मदद मिलती है.