10 July 2024
Aajtak.in
वजन कम करने के लिए लोग डाइट और वर्कआउट फॉलो करते हैं. लेकिन एक लड़का ऐसा है जो दावा कर रहा है कि उसने वॉटर फास्टिंग से 21 दिन में अपना 13 किलो वजन कम किया है.
Credit: Instagram
इस लड़के का नाम एडिस मिलर (Addis Miller) है. इसने अपनी जर्नी को इंस्टाग्राम पर शेयर की है. इंस्टाग्राम पर उसके वीडियो को 5 करोड़ से अधिक लोग देख चुके हैं.
Credit: Instagram
अब ऐसे में लोगों के मन में सवाल आ रहा होगा कि आखिर ये वॉटर फास्टिंग क्या होती है, इसे कैसे फॉलो करते हैं और इसकेस फायदे-नुकसान क्या हैं. तो आइए जानते हैं.
Credit: Instagram
वॉटर फास्टिंग में आपको पानी के अलावा कुछ नहीं खाना या पीना होता. अधिकतर लोग 24 से 72 घंटे के लिए फास्टिंग करते हैं. किसी को भी बिना मेडिकल सुपरविजन के इससे अधिक वॉटर फॉस्टिंग करने की सलाह नहीं दी जाती.
Credit: Instagram
धार्मिक कारणों से, वजन कम करने, बॉडी डिटॉक्स करने और मेडिकल प्रोसेजर के लिए बॉडी को तैयार करने के लिए वॉटर फास्टिंग की जाती है.
Credit: Instagram
कई स्टडीज दावा करती हैं कि मोटे लोगों में वॉटर फास्टिंग के कई फायदे हैं जिनमें कुछ तरह के कैंसर, हार्ट डिसीज और डायबिटीज का जोखिम होना भी शामिल हैं.
Credit: Instagram
48 लोगों पर हुई स्टडी के मुताबिक, मेडिकल सुपरविजन में 17 दिन तक की गई वॉटर फास्टिंग से सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.
Credit: Instagram
वॉटर फास्टिंग से एलडीएल कोलेस्ट्रॉल भी कम हो सकता है. इसके अलावा इस फास्टिंग से बॉडी वेट कम होता है.
Credit: Instagram
24-72 घंटे की वॉटर फास्टिंग में आपको रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पीना होता लेकिन ध्यान रखें बिना मेडिकल सुपरविजन के वॉटर फास्टिंग का कोई भी तरीका फॉलो न करें.
Credit: Instagram
वॉटर फास्टिंग के बाद आपको बड़ी मील न खाएं. स्मूदी या छोटी मील्स से फास्टिंग को तोड़ें. अगर तुरंत बाद अधिक खाना खाते हैं तो अनकंफर्टेबल फील होगा.
Credit: Instagram
वॉटर फास्टिंग से आपका तुरंत वजन कम होता है. इसमें से अधिकतर वेट आपके शरीर में मौजूद पानी का होगा. इसके साथ ही कुछ अमाउंट में मसल्स मास भी होगा.
Credit: Instagram
वॉटर फास्टिंग से आपका शरीर डिहाइड्रेट हो सकता है क्योंकि आपके खाने से 20-30 प्रतिशत पानी आता है. अब अगर आप खाना नहीं खाएंगे और पानी उतना ही पिएंगे तो पानी की कमी हो जाएगी.
Credit: Instagram
इससे ऑर्थोस्टेटिक हाइपोटेंशन का खतरा भी बढ़ जाता है जिसके सबसे आम लक्षण बैठने या लेटने के बाद खड़े होने में चक्कर आना होता है.
Credit: Instagram