लिवर आपकी पसलियों के अंदर होता है. यह शरीर में कई तरह के काम करता है जैसे- दवाई, शराब और टॉक्सिक पदार्थों को तोड़ना, बाइल का उत्पादन करना ताकि फैट को शरीर में तोड़ा जा सके.
कई चीजों के कारण आपका लिवर डैमेज हो सकता है. हालांकि लिवर के टिशू फिर से बन सकते हैं. लेकिन लगातार ऐसा होने से स्कार टिशू बनने लगते हैं.
जब स्कार टिशू हेल्दी लिवर टिशू को रिप्लेस कर देते हैं तो इससे लिवर काम करना बंद कर देता है. लिवर डैमेज होने में शराब का काफी बड़ा योगदान होता है. इसे अल्कोहल रिलेटेड लिवर डिजीज कहा जाता है.
लिवर में सूजन, जिससे आपके पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में परेशानी हो सकती है, थकान, बिना किसी वजह के वजन कम होना, भूख कम लगना, मितली या उल्टी आना.
शराब के कारण होने वाले लिवर डिजीज के शुरुआत में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं. जिस कारण आपको इस बात का एहसास ही नहीं हो पाता कि शराब आपके लिवर को कितना डैमेज कर चुकी है.
यह तब होता है जब फैट आपके लिवर में जमना शुरू हो जाता है. बहुत अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने से फैट लिवर में टूट नहीं पाता जिसके चलते यह जमना शुरू हो जाता है.
अगर आप लगातार अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं तो इससे लिवर में सूजन बढ़ने लगती है. जिससे आपको अल्कोहलिक हेपेटाइटिस की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
शराब का सेवन लगातार करते रहने से हेल्दी लिवर टिशू डैमेज होने लगते हैं और स्कार टिशू का निर्माण होता है. इसे फिब्रोसिस कहा जाता है.फिब्रोसिस बढ़ने पर अल्कोहॉलिक सिरोसिस की समस्या का सामना करना पड़ता है.
अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन, मोटापा और हेपेटाइटिस B और हेपेटाइटिस C की समस्या से जूझ रहे लोगों में लिवर डैमेज का खतरा काफी ज्यादा होता है.
शराब का सेवन कम मात्रा में और कभी-कभी करने से लिवर डिजीज का खतरा काफी कम होता है. CDC ने बताया है कि महिलाओं को रोजाना सिर्फ एक ड्रिंक और पुरुषों को रोजाना 2 ड्रिंक की पीनी चाहिए.