26 June 2025
BY: Aajtak.in
आज की जनरेशन में फिटनेस और वर्कआउट को लेकर कई सारी गलतफहमियां हैं. लोगों को लगता है कि अच्छी बॉडी बनाने के लिए ज्यादा मेहनत वाला और भारी-भरकम वर्कआउट करना बेहद जरूरी है.
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लेकिन क्या सच में ऐसा है? हावर्ड यूनिवर्सिटी के एक बायोलॉजिस्ट, डॉ. लाइबरमैन ने इस बात को गलत बताया है. उनका कहना है कि आदमी के शरीर का विकास ऐसा हुआ है कि जो ज्यादा से ज्यादा एनर्जी बचाकर रखें, न कि हर समय परफॉर्मेंस देते रहे.
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लाइबरमैन कहते है कि वर्कआउट जरूरी है, लेकिन बहुत ज्यादा नहीं. उनका कहना है कि हर सुबह भारी-भरकम एक्सरसाइज से कहीं ज्यादा फायदेमंद है खुद को एक्टिव रखना और ज्यादा से ज्यादा चलना.
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लाइबरमैन का कहना है कि चलना इंसान के लिए सबसे नेचुरल और पुरानी एक्सरसाइज है और आज भी हेल्दी रहने के लिए वॉकिंग सबसे आसान और बेहतर तरीका है.
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ऐसे में भारी-भरकम एक्सरसाइज के बजाए पैदल चलना ज्यादा फायदेमंद है. इसके लिए आप लिफ्ट की जगह सीढ़ियां ले सकते हैं, आस-पास की दुकान पर पैदल जा सकते हैं या लंच ब्रेक में थोड़ी देर टहल सकते हैं.
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रिसर्च के अनुसार, अगर हम हफ्ते में सिर्फ 150 मिनट यानी रोज लगभग 21 मिनट हल्की-फुल्की एक्टिविटी करें, तो समय से पहले मौत का खतरा 30% तक कम हो सकता है.
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ऐसे में, लाइबरमैन का कहना है कि जिम में पसीने बहाने या मैराथन दौड़ने के बजाय बस रोज थोड़ा-थोड़ा चलना-फिरना या ऐसा कुछ करना जो आपको पसंद हो, आपके लिए ज्यादा बेहतर है.
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कई लोगों को जिम न जाने या वर्कआउट न कर पाने के कारण गिल्टी फील होती है. पर लाइबरमैन का कहना है कि इंसान की बॉडी लगातार मेहनत के लिए नहीं बनी है. इसलिए आराम करना कोई कमजोरी नहीं है, बल्कि जरूरी है.
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लाइबरमैन का साफ कहना है कि फिटनेस के लिए बैलेंस जरूरी है. इसके लिए रोज थोड़ा एक्टिव रहें, लेकिन फिटनेस के लिए जरूरत से ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है.
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