26 APR 2025
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन महिलाओं में होने वाली एक बेहद ही कॉमन समस्या है. इसे यूटीआई के नाम से भी जाना जाता है.
यह बीमारी तब होती है जब रोगाणु मूत्र प्रणाली को संक्रमित कर देते हैं. इसका असर किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं पर भी पड़ता है. वैसे तो यूटीआई आम है लेकिन ध्यान ना दिया जाए तो इसका इंफेक्शन किडनी में भी फैल सकता है और किसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है.
आज हम आपको कुछ ऐसे कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे आपको यूटीआई की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
हार्मोनल बदलाव- उम्र बढ़ने के साथ ही हमारी बॉडी में एस्ट्रोजन का लेवल कम होने लगता है. इससे महिलाओं का प्राइवेट पार्ट काफी ड्राई होने लगता है. इस हार्मोन में बदलाव होने से वजाइना को प्रोटेक्ट करने वाली दीवार कमजोर हो जाती है जिससे यूटीआई होता है.
हाइजीन फॉलो ना करना- आप किस तरह से अपने प्राइवेट पार्ट को साफ करती है वह भी काफी जरूरी होता है. अगर आप पीछे से आगे की तरफ प्राइवेट पार्ट को पोछती हैं तो इससे रेक्टम के बैक्टीरिया मूत्रमार्ग में ट्रांसफर हो सकते हैं जिससे यूटीआई होता है.
शरीर में पानी की कमी होने पर पेशाब कम आता है जिससे शरीर के टॉक्सिन बाहर नहीं निकल पाते हैं जो यूटीआई का कारण बनता है.
जिन महिलाओं में मूत्रमार्ग की लंबाई कम होती है उन्हें यूरिन इंफेक्शन की समस्या का सामना ज्यादा करना पड़ता है. इससे बैक्टीरिया आसानी से ब्लैडर में पहुंच जाते हैं.
टाइट और कम हवादार कपड़े पहनना, प्राइवेट पार्ट में हमेशा मॉइश्चर रहने से भी बैक्टीरिया पैदा होते हैं. जिससे आपको यूटीआई हो सकता है.
पेशाब में जलन या दर्द, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में बदबू या रंग में परिवर्तन, पेट के निचले हिस्से में दर्द, बुखार और ठंड लगना ये सभी यूटीआई के लक्षण हैं.