मोटापा एक बेहद बड़ी बीमारी है जो कई खतरनाक बीमारियों को दावत देती है. पिछले कुछ समय से भारत में लोग काफी ज्यादा इस समस्या के प्रति जागरूक हुए हैं.
लोग वजन घटाने और कंट्रोल करने के लिए जिम जाने से लेकर योग, डाइटिंग और इंटरमिटेंट फास्टिंग जैसे तरीके अपना रहे हैं लेकिन वजन घटाने के लिए कोई भी काम करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए.
कुछ समय पहले एक शो में देश के जाने-माने लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर सरीन ने वेट लॉस के लिए इन दिनों खूब पॉपुलर हो रही इंटरमिटेंट फास्टिंग पर बात की थी.
ऑडिएंस में बैठे एक शख्स ने जब डॉक्टर सरीन से सवाल किया कि आज कल लोग 72 घंटे की इंटरमिटेंट फास्टिंग कर रहे हैं जिसमें वो सिर्फ पानी पीते हैं तो इससे क्या हो सकता है.
इस पर डॉ. सरीन ने कहा, 'ये शॉर्ट टर्म तरीका हो सकता है. आपने तीन महीने कर लिया, 6 महीने कर लिया. लेकिन ये कोई जीने की शैली नहीं है. जीवन की शैली है टाइम रिस्ट्रिक्टेंड ईटिंग.'
पूरी दुनिया में सदियों से रिस्ट्रिक्टिव ईटिंग का नियम रहा है जिसके तहत सूर्यास्त के बाद नहीं खाना और सूर्योदय से पहले नहीं खाना चाहिए. 12 से 14 घंट के टाइम में खाना नहीं चाहिए.
'आपकी बायोलॉडिकल क्लॉक है जो सुबह हार्मोन बनाती है और आप उस समय जो खाएंगे, आपके शरीर में उसके गुण बनेंगे.'
हां आप कुछ वक्त के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग कर सकते हैं लेकिन हमेशा कैसे करेंगे. इसलिए टाइम रिस्ट्रिक्टेड ईटिंग का तरीका फॉलो करना चाहिए. इंटरमिटेंट फास्टिंग आपके दिल पर स्ट्रेस देती है.
उन्होंने कहा, 'रात 8 बजे के बाद बिलकुल ना खाएं और अपने खाने में हेल्दी चीजें शामिल करें. एक्सरसाइज करें. ये सब तरीके आपके हमेशा काम आएंगे.'