11 July 2025
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आज कल जो सभी चीज सोशल मीडिया पर छा जाती है या फिर सेलेब्स के हाथों में नजर आती है वह ट्रेंड में आ जाती है. इन दिनों लबूबू डॉल का ट्रेंड और क्रेज लोगों के दिलों-दिमाग पर छाया हुआ है.
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इस डॉल का ट्रेंड इतना ज्यादा है कि ये विदेशों से लेकर भारत तक में बहुत ही ज्यादा महंगी मिल रही है. डॉल क कीमत के हिसाब से इसकी क्वालिटी उतनी अच्छी नहीं है.
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मार्केट में इस डॉल के कई नकली प्रोडक्ट्स मौजूद हैं. आज हम आपको इस डॉल पर पैसे खर्च ना करने के 7 कारण बताएंगे. ये कारण जानकर आप इसे खरीदने से पहले दो बार सोचेंगे.
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साइज के मुताबिक ओवरहाइप्ड-ओवरप्राइज्ड: लबूबू डॉल कीचेन बहुत छोटी सी है, जिसके हिसाब से ये बहुत मंहगी है. इन छोटी गुड़ियों का डिजाइन बहुत ही सिंपल है, फिर भी इनकी कीमत 500 से 1500 या उससे भी ज्यादा है. इससे पता लगता है कि ये ओवरहाइप्ड और ओवरप्राइज्ड है.
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खराब क्वालिटी: इतनी भारी कीमत की डॉल खरीदने के बाद भी इसकी क्वालिटी अच्छी नहीं होती है. कई लोगों का कहना है कि इसका पेंट जल्दी उतर जाता है, कीचेन की रिंग आसानी से टूट जाती है और प्लास्टिक सस्ता लगता है.
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डुप्लिकेट प्रोडक्ट्स हैं मौजूद: बाजार में कई नकली लबूबू कीचेन बिक रही हैं. ये देखने में तो असली लगती हैं, लेकिन घटिया चीजों से बनी होती है. इतनी ज्यादा कीमत चुकाने पर भी आपको नकली डॉल मिल सकती है. इसलिए इन्हें खरीदना जोखिम भरा हो सकता है.
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कोई रियल यूज नहीं: लबूबू कीचेन सिर्फ दिखावे के लिए है. ये बड़ी होती है, इन्हें ले जाना मुश्किल होता है और असली कीचेन जितने फायदेमंद नहीं होती.
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जल्द खत्म हो सकता है ट्रेंड: लबूबू का क्रेज सोशल मीडिया की वजह से है. बहुत से लोग इसे झटपट खरीद रहे हैं और जल्द ही इसमें इंटरेस्ट खो देते हैं, जिससे यह बेकार हो जाती है.
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एथिकल इशूज: इन्हें ऐसी फैक्ट्रियों में बनाया जाता है जहां काम करने की हालत और पर्यावरण पर पड़ने वाला असर साफ नहीं होता, जिससे इस तरह की चीजें खरीदना एथिकल इशू बन सकता है.
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पैसे की बर्बादी: लबूबू कीचेन को ज्यादातर लोग आवेग में आकर खरीद रहे हैं. कुछ समय बाद, ये बिना इस्तेमाल के ही पड़ी रहेंगी और आपका पैसा बर्बाद हो सकता है.
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