By: Mradul Singh Rajpoot
मसल्स बनाने हों, फैट बर्न करना हो या फिर वजन कम करना हो, हर फिटनेस गोल को हासिल करने के लिए प्रोटीन की सही मात्रा लेना जरूरी है. इससे वजन कम करने और मसल्स गेन में भी मदद मिलती है.
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सामान्य लाइफस्टाइल वाले लोगों को 1 से 1.2 ग्राम प्रतिकिलो बॉडीवेट, एक्टिव लोगों को 1.5 ग्राम प्रतिकिलो बॉडीवेट और अधिक एक्टिव इंटेंस एक्टिविटी वाले लोगों को 1.8 से 2 ग्राम प्रतिकिलो बॉडीवेट के मुताबिक प्रोटीन लेना चाहिए.
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प्रोटीन की कमी पूरी करने के लिए वेजिटेरियन फूड्स की अपेक्षा लोग नॉन वेजिटेरियन फूड पर डिपेंड रहते हैं.
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लेकिन एक वेजिटेरियन चीज ऐसी भी है जिसमें चिकन से अधिक प्रोटीन होता है. उस चीज का नाम है 'सोयाचंक'. इसे आम भाषा में 'सोयाबीन की बड़ी' कहते हैं.
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सोयाचंक को 'वेजिटेरियन चिकन' के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसकी न्यूट्रिशनल वैल्यू कई नॉनवेज आइटम्स के बराबर होती है.
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यूएस की फूड वेबसाइट के मुताबिक, 100 ग्राम चिकन में लगभग 27 ग्राम प्रोटीन होता है और वहीं 100 ग्राम सोयाचंक में 52 ग्राम प्रोटीन होता है. यानी हम यह भी कह सकते हैं कि चिकन से लगभग 2 गुना प्रोटीन सोयाचंक में होता है.
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सोयाबीन से उसका तेल निकालने के बाद जो वेस्ट पदार्थ का बचता है, उससे सोयाचंक बनाए जाते हैं. इसकी बनावट रेशेदार होती है.
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कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विमल छाजेड (MBBS,MD) का कहना है, 'सोया चंक वर्ल्ड का सबसे अच्छा फूड है. इससे अच्छा प्रोटीन का सोर्स हो ही नहीं सकता. मैं कहता हूं नॉनवेज की जगह सोया चंक को डाइट में शामिल करें. इसको भिगोकर ही खाएं.'
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न्यूट्रिशन कोच और फेमस फिटनेस यूट्यूबर जीत सेलाल का कहना है, 'सोयाचंक प्रोटीन का अच्छा सोर्स है. कोई भी रोजाना 30 से 50 ग्राम तक सोयाचंक का सेवन कर सकता है.'
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फिटनेस कोच अक्षय चोपड़ा ने अपने यूट्यूब चैनल पर कहा है, 'आप सोया का कितना सेवन क,रें इसका कोई भी सटीक फिगर नहीं है और न ही होना चाहिए. किसी भी चीज का संतुलित मात्रा और वैरिएशन में सेवन करना अच्छा होता है.'
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डॉ. पाल.मणिक्कम (MD, MPH) इंटरनल मेडिसिन, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और न्यूट्रिशन का कहना है, 'सोया प्रोटीन का अच्छा सोर्स है इसलिए सभी को अपनी डाइट में वेजिटेरियन प्रोटीन सोर्स के रूप में एड करना चाहिए.'
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सोयाचंक हार्ट को फायदा पहुंचाता है, प्रोटीन के साथ फाइबर का भी अच्छा सोर्स है, डाइजेशन अच्छा रखता है, कोलेस्ट्रोल कम करता है, विटामिन के, विटामिन सी का अच्छा सोर्स है.
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सोयाचंक का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी काफी अच्छा होता है. इसके पाउडर को आटे में मिलाकर रोटी भी बनाकर खा सकते हैं.
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ओमेगा 3 और एस्ट्रोजन से भरपूर होने के कारण कई लोग इसे खाने से बचते हैं क्योंकि उनका मानना है कि सोया प्रोडक्ट के अधिक सेवन से टेस्टोस्टेरोन लेवल कम होता है और फीमेल हार्मोन एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ती है क्योंकि उसमें फीमेल एस्ट्रोजन (फाइटोएस्ट्रोजन) अधिक पाया जाता है.
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Pubmed में 15 स्टडीज का रिव्यू किया गया जिसमें सोया फूड प्रोडक्ट, सोया प्रोटीन सप्लीमेंट, आइसोफ्लेवोन की 70 ग्राम खुराक या सोया आइसोफ्लेवोन्स की 240 Mg प्रति दिन खुराक से टेस्टोस्टेरोन के लेवल पर कोई इफेक्ट नहीं पड़ा था.
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Webmd का कहना है, 'सोया में आइसोफ्लेवन्स होते हैं जो शरीर में फाइटोएस्ट्रोजेन में बदल जाते हैं.'
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'फाइटोएस्ट्रोजन, कैमिकल स्ट्रक्चर में एस्ट्रोजन हार्मोन (महिलाओं का ग्रोथ हार्मोन) के समान होते हैं. कुछ मामलों में ये फाइटोएस्ट्रोजेन, एस्ट्रोजन की तरह काम करने लगते हैं और अन्य में ये फाइटोएस्ट्रोजन, एस्ट्रोजन के प्रभाव को रोक सकते हैं.'
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स्टडी बताती हैं कि 50 ग्राम तक सोया प्रोडक्ट का सेवन किया जा सकता है लेकिन स्टडी में यह नहीं बताया गया है कि अगर इस मात्रा से अधिक सोया प्रोडक्ट का सेवन करते हैं तो इसके क्या नुकसान हो सकता है. उन्होंने यह मात्रा इसलिए ही दी है कि कोई भी आइडियली इतनी मात्रा ही खाता है.
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नोट: आप रोजाना सोया खा सकते हैं या नहीं और कितनी मात्रा में, इसके लिए अपने न्यूट्रिशनिस्ट से सलाह लें और उसके बाद ही सेवन करें.
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