10 May 2025
By: Aajtak.in
एक्सपर्ट्स का मानना है कि खड़े रहना, बैठने से बेहतर होता है. लेकिन एक शख्स के मुश्किल एक्सपेरिमेंट से पता चला कि सिर्फ खड़े रहना भी इतना फायदेमंद नहीं है, जितना लोग सोचते हैं.
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यूट्यूबर लूकस बॉल ने एक अनोखी चुनौती ली. उन्होंने लगातार पांच दिनों तक ना बैठने का मन बनाया ताकि वे देख सकें कि इसका उनके शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है.
Credit: Instagram/@focusedlucas
वह दिन में 16 घंटे खड़े रहते थे और केवल सोते समय ही आराम कर सकते थे, जिसके लिए उन्होंने अपने लिए 8 घंटे का समय तय किया था जिसे वे स्ट्रिक्टली फॉलो करते थे.
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लूकस लंबे समय तक बैठने से होने वाले नुकसान जैसे मोटापा, कमर दर्द और खराब पॉश्चर से परेशान थे. इसलिए उन्होंने तय किया कि वे पूरे दिन सिर्फ खड़े रहेंगे और रात में सिर्फ 8 घंटे लेटेंगे.
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इन 5 दिनों में लुकस ने स्टैंडिंग डेस्क पर काम किया, खड़े होकर खाना खाया और टीवी देखा, और यहां तक कि अपने काम करने के लिए पैदल चले, कहीं भी नहीं बैठे.
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शुरुआत में उन्हें अच्छा लगा. उन्हें लगा कि उनकी प्रोडक्टिविटी बढ़ गई है और पाचन भी बेहतर हो गया है. उनकी रीढ़ की हड्डी का निचला हिस्सा भी थोड़ा सीधा महसूस हुआ.
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लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, मुश्किलें बढ़ने लगीं. तीसरे दिन उनके पैरों और टांगों में दर्द शुरू हो गया. ऊपरी पीठ थोड़ी झुकने लगी और थकावट बढ़ गई.
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इसके साथ ही लूकस को भूख ज्यादा लगने लगी और नींद में भी दिक्कत आने लगी. उन्होंने माना कि बिना बैठे रहना जितना आसान दिखता है, उतना है नहीं.
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एक्सपेरिमेंट के बाद उनका वजन भी लगभग आधा किलो बढ़ गया, जिसकी वजह शायद बार-बार खाना था.
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आखिर में लूकस ने महसूस किया कि सिर्फ खड़े रहना भी शरीर के लिए थकाने वाला हो सकता है. उन्होंने सीखा कि सेहतमंद रहने के लिए बैठना, खड़ा होना और चलना. इन सबका बैलेंस बहुत जरूरी है.
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लूकस का एक्सपेरिमेंट यह दिखाता है कि शरीर को एक्टिव रखना जरूरी है, लेकिन हर चीज में बैलेंस होना सबसे अहम है.
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