10 Apr 2024
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लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी (Lakshmi Narayan Tripathi) ट्रांसजेंडर राइट्स वर्कर और सोशल एक्टिविस्ट हैं. वह देश की पहली ट्रांसजेंडर व्यक्ति हैं जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व किया.
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लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का जन्म 13 दिसंबर 1978 को महाराष्ट्र के ठाणे में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. जन्म से पुरुष शरीर में पैदा होने के बावजूद, उन्होंने अपने आपको हमेशा स्त्री के रूप में महसूस किया.
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2017 में उन्होंने किन्नर अखाड़ा की स्थापना की, जो भारत का पहला ट्रांसजेंडर अखाड़ा है.
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2019 के कुंभ मेले में, उन्होंने अखाड़े का नेतृत्व किया और देशभर में पहचान बनाई. हाल ही में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी एक पॉडकास्ट शो में पहुंचीं और जहां उन्होंने एक मिथ को गलत बताया.
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कई लोगों का मानना होता है कि यदि मरे हुए किन्नर का मुंह देख लो तो करोड़पति बन जाओगी. इस बात में कितनी सच्चाई है, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया.
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लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने शो में बताया कि ये सारे मिथ हैं. मुझे बड़ी अजीब-अजीब सी कहानियां भी सुनने मिलती हैं.
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'इसके अलावा भी कहते हैं कि किन्नरों को मरने के बाद चलाकर ले जाते हैं. उन्हें चप्पल से मारते हैं. मतलब हद है लोगों की. ये सब झूठ है.'
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'कई लोग बोलते हैं किन्नरों को घर में ही दफना देते हैं. अब मैं पांचवे फ्लोर पर रहती हूं, अगर मुझे दफनाएंगे तो मैं चौथे फ्लोर पर आ जाउंगी.'
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'ये सारी बातें मिथक हैं. हम भी उतने ही इंसान हैं जितने आप हैं. हमारा जिक्र भी ग्रंथों और उपनिषदों में है.'
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