फैटी लिवर आज के समय में काफी बढ़ी समस्या है. फैटी लिवर के कारण हमारा लिवर उस तरह से काम नहीं कर पाता जैसा उसे करना चाहिए.
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लिवर में जब ज्यादा मात्रा में फैट जमा हो जाता है तब फैटी लिवर नाम से बीमारी का सामना करना पड़ता है.
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कुछ दिन पहले लिवर स्पेशलिस्ट डॉ. शिवकुमार सरीन हमारी सहयोगी वेबसाइट लल्लनटॉप के न्यूजरूम में आए थे. जहां उन्होंने बताया था कि आखिर फैटी लिवर से डायबिटीज कैसे हो सकती है.
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डॉ. सरीन ने बताया, 'लिवर के सेल में आपके ग्लूकोज को हजम होना होता है. ग्लूकोज को यूटिलाइज करने के लिए लिवर के अंदर इंसुलिन को जाना होता है, तभी वह हजम होता है.'
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'हजम होने पर एनर्जी बनेगी और उससे आपका शरीर चलेगा. अगर लिवर में फैट है तो इंसुलिन अंदर ही नहीं जाती. अब ऐसे में और अधिक इंसुलिन की जरूरत होती है.'
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'नॉर्मली जो काम 2 यूनिट में होता, उसके लिए 20 यूनिट इंसुलिन की जरूरत होगी यानी 15 यूनिट इंसुलिन लिवर में अधिक डालनी पड़ेगी. अब लिवर में वो इंसुलिन आएगी कहां है?...वो इंसुलिन पैंक्रियाज से आएगा.'
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'ऐसे में लिवर पैंक्रियाज को संकेत देता है कि उसे और इंसुलिन चाहिए. अब ऐसे में थोड़े दिन बाद पैंक्रियाज थक जाएगा और क्या होगा, डायबिटीज.'
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पैंक्रियाज को इंसुलिन प्रोडक्शन के लिए अधिक मेहनत नहीं करनी होगी तो वह थकेगा नहीं और आपको डायबिटीज का खतरा नहीं रहेगा.
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हम जो खाते हैं या ग्लूकोज लेते हैं तो 2 जगह जाता है. पहला लिवर में दूसरा मसल्स में. अगर कोई फिजिकल एक्टिविटी नहीं करता तो वह शुगर यूटिलाइज तो हुआ नहीं तो वह लिवर में चला जाएगा.
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ऐसे में अगर लिवर में शुगर जाएगी तो उसका तो काम ही है जो आता जाए उसे स्टोर करते रहो. ऐसे में शुगर फैट में कन्वर्ट होती जाएगी और आपका लिवर फैटी हो जाएगा.
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ग्लूकोज को यूटिलाइज करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप एक्सरसाइज करें ताकि एक्स्ट्रा शुगर यूटिलाइज हो सके. इससे फैटी लिवर में भी मदद मिलेगी.
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