14 Apr 2025
आज के समय में मोटापे की समस्या काफी आम हो चुकी है. इसका एक मुख्य कारण घंटों तक एक ही जगह पर बैठकर काम करना है.
इसके अलावा भी ऐसी कई गलतियां हैं जिनकी वजह से मोटापा और तोंद बढ़ती है. तो अगर आप अपनी बढ़ती हुई तोंद को कम करने का सोच रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसी चीज के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपको काफी मदद मिलेगी.
हम आपको गुग्गुल के बारे में बताने जा रहे हैं. आयुर्वेद में गुग्गुल के कई फायदों के बारे में बताया गया है.
पेट की चर्बी गलाने और वजन कम करने के लिए गुग्गुल का पानी पी सकते हैं. गुग्गुल को त्रिफला चूर्ण के साथ पूरी रात भिगोकर रखा जाता है. फिर अगले दिन इसे छानकर साफ पानी के साथ उबालकर पिएं.
लिवर संबंधी समस्याओं में गुग्गुल का प्रयोग फायदेमंद साबित होता है. वयस्क रोगी को इसके पत्तों का रस 100 मिलीग्राम और बच्चों को 10 से 15 मिलीग्राम सुबह-शाम पिलाने से लिवर ठीक होता है और पीलिया में भी फायदा मिलता है.
टॉन्सिल्स होने पर गुग्गुल की 20 ग्राम छाल को 200 ग्राम पानी में पकाएं. जब एक चौथाई रह जाए तो छानकर पी लें. टॉन्सिल्स और थायराइड में यह काफी फायदेमंद माना जाता है. कैंसर की गांठ में भी यह लाभ देता है.
पेशाब में जलन हो तो 10 ग्राम गुग्गुल की छाल और 2 से 4 ग्राम धनिया कूटकर 250 ग्राम पानी में भिगो दें. दोनों चीजें पानी में अच्छी तरह घुल जाए तो छानकर उसमें मिश्री मिलाकर सेवन करें. इससे पेशाब में जलन, कम पेशाब आना या इससे संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलेगी.
कुबड़ापन दूर करने के लिए गुग्गुल की छाल का पाउडर बना लें. 3 -4 ग्राम पाउडर को हल्दी मिले दूध के साथ सुबह-शाम प्रयोग करने से कुबड़ापन दूर होता है.
जो महिलाएं गर्भाशय में गांठ होने से गर्भ धारण नहीं कर पा रही हैं वे गुग्गुल की 5 ग्राम सूखी छाल को 400 ग्राम पानी में पकाएं. जब 100 ग्राम बच जाए तो छानकर इसका सेवन करें.