दिखने में एक-जैसे लेकिन अलग-अलग हैं गोंद और गोंद कतीरा, कहीं आप भी तो नहीं हुए कन्फ्यूज

गोंद कतीरा पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर खूब ट्रेंड में चल रहा है. हेल्थ एक्सपर्ट्स से लेकर इंफ्लूएंसर्स तक इसके फायदों के बारे में लोगों को बता रहे हैं. 

गोंद कतीरा शरीर को ठंडक पहुंचाने में मदद करता है. इसके साथ ही इसके कई और फायदे भी हैं.

गोंद कतीरा को ट्रागैकैंथ गम भी कहा जाता है और सादे पानी, नींबू पानी, फालूदा, शर्बत जैसी लगभग सभी ड्रिंक्स में इसका इस्तेमाल किया जाता है .

लेकिन सिर्फ इसलिए कि यह लोकप्रिय है इसका मतलब यह नहीं है कि हर कोई इसका सही तरीके से इस्तेमाल कर रहा है. 

अक्सर लोग गोंद और गोंद कतीरा में कनफ्यूज हो जाते हैं. यहां हम आपको गोंद और गोंद कतीरा में फर्क बता रहे हैं. 

गोंद का उपयोग कई खाद्य पदार्थों में गाढ़ा करने वाले एजेंट के रूप में किया जाता है. यह हल्के पीले रंग का होता है और इसमें छोटे-छोटे क्रिस्टल होते हैं. गोंद को भारत में मिठाइयों और बेकरी फूड आइटम्स में इस्तेमाल किया जाता रहा है. 

गोंद को 5 से 6 घंटे या रात भर पानी में भिगोने पर यह पूरी तरह घुल जाता है. इसमें गर्माहट देने वाले गुण होते हैं जो इसे सर्दियों के महीनों में लड्डू और पंजीरी जैसी मिठाइयों में डालने के लिए बहुत बढ़िया बनाते हैं.

वहीं, गोंद कतीरा पूरी तरह से पारदर्शी होता है. इसके क्रिस्टल भी गोंद की तुलना में थोड़े बड़े होते हैं. 

यह पानी में घुलने के बजाय फूल जाता है. गोंद कतीरा में ठंडक देने वाले गुण होते हैं जो इसे आपके गर्मियों की डाइट के लिए एक बेहतरीन विकल्प बनाते हैं.

खबर में बताई गई चीजें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अमल में लाने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.