फैटी लीवर डिसीज का सबसे आम कारण मोटापे के कारण लिवर में एक्स्ट्रा फैट का जमाव या फिर आंत फैट की अतिरिक्त मात्रा होती है.
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फैटी लीवर डिसीज में पेट के अंदर और आसपास फैट जम जाता है. आमतौर पर, यह फैट देखने से ही पता चल जाता है. इसके कारण कुछ लोगों को पेट के दाहिने ऊपरी हिस्से में दर्द महसूस होने लगता है.
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सर एचएन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल के हेपेटोलॉजी विभाग के डायरेक्टर और कंसल्टेंट डॉ. आकाश शुक्ला कहते हैं, 'अगर पतले लोगों का अल्ट्रासाउंड किया जाए तो कभी-कभी उन लोगों को भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है.'
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पतले लोगों को नॉन-अल्कोहलिक फैटी लीवर डिसीज हो सकती है और इसका कारण अधिक फ्रुक्टोज का सेवन, प्रोटीन कुपोषण (क्वाशियोरकोर), स्टीटोजेनिक दवाओं (एमियोडेरोन), टैमोक्सीफेन, मेथोट्रेक्सेट, प्रेडनिसोलोन का प्रयोग आदि.
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लेकिन ऐसे में हर कोई शॉक्ड रह जाता होगा कि पतले लोगों को फैटी लिवर क्यों हुआ? स्लिम लोगों को फैटी लीवर क्यों हुआ है. इसके चार कारण हो सकते हैं. जैसे
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शराब का सेवन के कारण पतले लोगों में भी फैटी लिवर की समस्या हो सकती है. इसका कारण है शराब की कैलोरी ब्लैंक कैलोरी होती है और यह काफी जल्दी फैट में कन्वर्ट होती है.
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यदि किसी के शरीर में लीन मसल्स मास अधिक होता है तो मसल्स कैलोरी बर्न कर देती हैं जिससे फैटी लिवर का खतरा नहीं होता. लेकिन जिसमें मसल्स कम हैं और वह एक्स्ट्रा कैलोरी लेता है तो उसे भी फैटी लिवर का खतरा होता है.
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डॉ. शुक्ला कहते हैं, 'जिन लोगों में आनुवंशिक रूप से फैटी लिवर की प्रवृत्ति होती है, उन्हें सामान्य बीएमआई के साथ भी फैटी लीवर हो सकता है. इसके साथ उन्हें डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक और कैंसर का खतरा भी हो सकता है.
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फैटी लिवर, विल्सन डिसीज की तरह एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर भी हो सकता है. इसलिए यदि कोई काफी पतला है तो उसे भी डॉक्टर की सलाह पर अल्ट्रासाउंड कराना चाहिए.
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