7 April 2024
इंडिया वर्ल्ड में फास्टेस्ट ग्रोइंग प्लेस है, जहां पर कैंसर के केस बढ़ते जा रहे हैं. फरवरी 2024 में ICMR ने भी बताया था कि हर साल रिपोर्ट किए जाने वाले मामलों की संख्या में वृद्धि हो रही है.
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नेशनल लाइब्रेरी साइंस के मुताबिक, भारत में लगभग नौ में से एक व्यक्ति को अपने जीवन में कैंसर होने का जोखिम है. 2022 में, भारत में नए कैंसर के मामलों की अनुमानित संख्या 14 लाख 61 हजार 427 थी.
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पुरुषों में फेफड़े के कैंसर की संख्या सबसे अधिक है, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक होता है. अलग-अलग स्टेजेस और गंभीरता के आधाक इन कैंसर का इलाज किया जा सकता है.
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कैंसर पेशेंट के ट्रीटमेंट में जो सबसे कॉमन इलाज लोगों को पता होता है, वो है कीमोथेरेपी. लेकिन कई लोगों को इस बारे में विस्तार से नहीं पता कि आखिर कीमोथेरेपी क्या होती है और यह कैसे काम करती है.
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कुछ समय पहले मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल और मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में हेड ऑफ ब्रेस्ट-ऑन्कोलॉजी डॉ. मंदार नाडकर्णी (Dr. Mandar Nadkarni) एक पॉडकास्ट में पहुंचे जिन्होंने इसका कारण बताया.
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डॉ. मदान ने कहा, 'कीमोथेरेपी का काम होता है कि शरीर में यदि कभी कोई कैंसर का सेल डिवाइड हो रहा है, तो उसके अंदर घुस जाओ और उस सेल को मार दो.'
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'कैंसर के सेल्स कीमोथेरेपी से मर जाते हैं लेकिन उनके साथ नॉर्मली फंक्शन करने वाले सेल्स भी मार जाते हैं.'
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'ऐसे में मुंह में छाले हो जाते हैं, टेस्ट खराब हो जाता है, कमजोरी और थकान, एसिडिटी होने लगती है और स्किन भी खराब होने लगती है.'
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'कई बार कीमोथेरेपी स्किन सेल्स और हेयर फॉलिकल में चले जाते हैं तो बाल झड़ते हैं और स्किन ड्राई होने लगती है. हालांकि ये सारे लक्षण से रिकवर भी हो जाते हैं.'
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'कैंसर के मरीज की स्थिति को देखकर डॉक्टर्स कीमोथेरेपी लगाना या नहीं, यह निर्धारित करते हैं.'
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