काली या पीली किशमिश, क्या खाने पर शरीर को मिलते हैं ज्यादा फायदे

किशमिश का नाम आते ही हमारे दिमाग में पीले या भूरे रंग की किशमिश का ख्याल आता है.

लेकिन क्या आपको पता है कि इन दोनों के अलावा हरी और काली किशमिश भी आती है जो सेहत के लिए काफी अच्छी होती है.

काली किशमिश काले रंग की होती है. ये काले अंगूर से बनती है. आयुर्वेद में काली किशमिश को सुपरफूड कहा जाता है. 

क्योंकि इसमें पाए जाने वाले पोषण तत्‍व अन्‍य किशमिश के मुकाबले ज्‍यादा होते हैं. इसमें फाइबर, प्रोटीन, पोटेशियम, आयरन, कॉपर, और विटामिन-बी6 जैसे पोषक तत्व होते हैं. 

पीली और सुनहरी किशमिश हरे अंगूरों से बनती है. इसका स्‍वाद थोड़ा खट्टा मीठा होता है. 

इसमें फाइबर, आयरन, एंटीऑक्‍सीडेंट्स, विटामिन ए, सी, ई, के, कैल्शियम और फाइटोकेमिकल्‍स भरपूर मात्रा में होते हैं. इसमें शुगर थोड़ी ज्‍यादा होती है.

वैसे तो दोनों ही किशमिश सेहत के लिए फायदेमंद होती हैं लेकिन अगर आप रोजाना पीली या सुनहरी किशमिश के बजाय काली किशमिश का सेवन करते हैं तो आपको ज्‍यादा फायदा मिल सकता है. 

काली किशमिश अपनी लैक्सेटिव प्रॉपर्टीज के लिए ज्यादा मशहूर हैं इसलिए ये शरीर के विभिन्‍न अंगों में मौजूद टॉक्सिंस की सफाई करती है और कब्ज, अपच जैसी पेट की दिक्कतों को दूर रखती हैं.

हालांकि किशमिश के पूरे फायदे उठाने के लिए आपको इन्हें भिगोकर खाना ज्यादा अच्छा होता है.

खबर में बताई गई चीजें सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अमल में लाने से पहले कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.