4 AUG 2025
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हम नींद में किस पोजिशन में सोते हैं, उसका हमारी सेहत पर काफी असर पड़ता है. सोने की पोजिशन से डाइजेशन, रीढ़ की हड्डी और सांस लेने में भी इफेक्ट पड़ता है.
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वेलनेस होम क्लिनिक एंड स्लीप सेंटर, दिल्ली के पल्मोनोलॉजिस्ट, डॉ. विकास मित्तल ने एक इंटरव्यू में सोने की पोजिशन के फायदे और नुकसान बताएं.
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पीठ के बल सोने के अपने फायदे होते हैं, जैसे रीढ़, गर्दन और सिर को सही सपोर्ट मिल जाता है. इससे जोड़ों पर कम दबाव पड़ता है और चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीं.
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पीठ के बल सोने के सिर्फ फायदे नहीं बल्कि नुकसान भी हैं. जैसे ऐसे सोने से खर्राटे और स्लीप एपनिया बढ़ सकता है. खासतौर पर प्रेग्नेंट लेडीज को इस तरीके से नहीं सोना चाहिए.
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प्रेग्नेंट महिलाओं को पीठ के बल नहीं सोने की सलाह दी जाती है. क्योंकि इससे बच्चे तक ब्लड सर्कुलेशन कम हो सकता है. सेकेंड और थर्ड ट्राइमेस्टर में ज्यादा ख्याल रखना होता है. सेकेंड और थर्ड ट्राइमेस्टर में बात का खास ख्याल रखना होता है.
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करवट लेकर सोने से डाइजेशन और एसिड रिफ्लक्स ठीक होता है, इसके अलावा रीढ़ सीधी रहती है और स्लीप एपनिया में भी ये बेहतर ऑप्शन है.
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वहीं, करवट लेकर सोने से चेहरे पर झुर्रियां आ सकती हैं और इससे कंधे और हिप्स पर प्रेशर पड़ता है. अगर तकिया सही न हो.
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राइट साइड की तरह ही लेफ्ट साइड सोने से डाइजेशन बेहतर होता है, एसिड रिफ्लक्स में राहत मिलती है. प्रेग्नेंसी में ब्लड सर्कुलेशन सही होता है.
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डॉक्टर विकास मित्तल ने आगे कहा कि सोने की सही पोजिशन आपकी हेल्थ और कम्फर्ट पर डिपेंड करती है.
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