18 Apr 2025
अगर आपको या आपके घर में किसी को डायबिटीज है तो आप ये बात जानते होंगे कि शुगर के मरीजों को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है.
डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी डाइट में कुछ चीजों को शामिल करें. रोटी एक ऐसी चीज है जिसका सेवन हर कोई करता है और अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं तो आपको सिंपल गेहूं के आटे का सेवन करने से बचना चाहिए.
ऐसे में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे आप अपने गेहूं के आटे में मिलाकर इसे हेल्दी बना सकते हैं और इसकी बनी हुई रोटियां खाने से आपका ब्लड शुगर लेवल भी कंट्रोल में रहेगा.
आमतौर पर मार्केट में मिलने वाले गेहूं के आटा काफी बारीक और प्रोसेस्ड होता है जिसमें फाइबर की मात्रा ना के बराबर होती है. जिस कारण उसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी ज्यादा होता है जिससे ब्लड शुगर के लेवल में उछाल आता है.
इसके लिए आपको चाहिए अलसी के बीज, जौ और मेथी के बीज जिन्हें गेहूं के आटे के साथ मिलाने पर, डायबिटीज को कंट्रोल करने में मदद मिल सकती है और कई स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं.
अलसी के बीजों में फाइबर और ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा पाई जाती है. अलसी के बीज कार्बोहाइड्रेट के पाचन को धीमा करते हैं, इस प्रकार ब्लड शुगर में अचानक उछाल को रोकते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करके हार्ट हेल्थ में सुधार करते हैं.
एक कप गेहूं के आटे में 1 से 2 चम्मच अलसी के बीजों का पाउडर मिक्स करके रोटी बनाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.
जौ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इसमें घुलनशील फाइबर अधिक होता है. यह खाने के बाद शुगर के अवशोषण को कम करने में मदद करता है.
जौ कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट, पाचन में सुधार और वेट मैनेजमेंट में मदद करता है. एक भाग जौ के आटे को तीन भाग गेहूँ के आटे के साथ मिलाकर आप रोटी बना सकते हैं.
मेथी के बीज, इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ाता है और इसमें सॉल्युबल फाइबर होता है, जो कार्बोहाइड्रेट अवशोषण को धीमा करता है.
मेथी के बीज पाचन को कंट्रोल करते हैं और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को बनाए रखता है. प्रति कप आटे में एक चम्मच पिसे हुए मेथी के बीज का उपयोग कर सकते हैं.