अधिक खाने से ही नहीं इन बीमारियों के कारण भी बढ़ जाता है वजन, जान लें कारण

कई लोगों का काफी जल्दी वजन बढ़ता है. अच्छा खाते-खाते कई बार अगर वे लोग 2-3 दिन हैवी खा लें या फिर लाइफस्टाइल बदल लें तो उनका वजन 1-2 किलो बढ़ भी जाता है.

तुरंत बढ़ जाता है वजन

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लेकिन कई लोगों का कम खाने के बाद भी वजन बढ़ने लगता है. साइंस कहता है, तेजी से वजन बढ़ना कई बीमारियों का संकेत भी हो सकता है जिसके लिए डॉक्टर की सलाह की जरूरत हो सकती है.

डॉक्टर की सलाह लें

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तो आइए आज हम आपको कुछ ऐसी बीमारियों या स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में बता रहे हैं जो वजन बढ़ने का कारण बन सकती हैं.

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अनिद्रा यानी नींद की कमी लोगों के वजन बढ़ने का कारण हो सकता है क्योंकि इससे आपका सर्कैडियन रिदम यानी नेचुरल बॉडी क्लॉक बदल जाती है.

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अनिद्रा (Insomnia)

2015 की स्टडी के मुताबिक, जिन बच्चों ने 10 घंटे से कम नींद ली थी, उनमें से 76 प्रतिशत बच्चे ओवरवेट थे.

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हाइपोथायरायडिज्म एक ऐसी स्थिति है जहां किसी व्यक्ति की थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं करती है. यह शरीर के कई कामों समेत मेटाबॉलिज्म को भी धीमा कर देती है जिससे वजन बढ़ सकता है.

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थाइराइड डिसऑर्डर

वेट गेन, लगातार थकान, उदासी, ठंड महसूस होना रहा है, शुष्क त्वचा और बाल, जोड़ों में अकड़न और मांसपेशियों में दर्द हाइपोथायरायडिज्म के लक्षण हैं.

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पंजे, टखने या पैरों का अचानक वजन बढ़ना या सूजन किडनी की बीमारी जैसे कि किडनी फेल या नेफ्रोटिक सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है.

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किडनी प्रॉब्लम्स

किडनी, शरीर से अपशिष्ट उत्पादों को फिल्टर करने के लिए जिम्मेदार होते हैं. यदि किडनी डैमेज है तो वह अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से बाहर नहीं निकाल पाती और शरीर में लिक्विड जमा होने के कारण वजन बढ़ सकता है.

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सिरोसिस, एक प्रोगेसिव कंडिशन है जिसमें लिवर में स्वस्थ टिश्यूज की जगह स्कार टिश्यूज ले लेते हैं. इससे पेट में लिक्विड पदार्थ का बनने लगता है जिसके कारण वजन बढ़ सकता है.

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सिरोसिस (Cirrhosis)

यदि किसी व्यक्ति को तेजी से वजन बढ़ने और इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव हो तो उसे डॉक्टर से बात करनी चाहिए. वजन बढ़ना, सांस लेने में कठिनाई, पेट में दर्द और हार्निया भी सिरोसिस का संकेत हो सकता है.

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यानी पीसीओएस एक एंडोक्राइन सिस्टम डिसऑर्डर है जो रिप्रोडक्शन के समय महिलाओं को प्रभावित करता है. ऐसी महिलाओं में आमतौर पर इंसुलिन रेजिस्टेंस भी होता है, जिसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ सकता है.

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पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम

PCOS वाली महिलाओं में टाइप 2 डायबिटीज और हाई कोलेस्ट्रोल का खतरा होता है. इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल और डाइट में बदलाव करके इससे वजन कम करने में भी मदद मिल सकती है.

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वेट लॉस के लिए हेल्दी डाइट लें, लाइफस्टाइल सही रखें, पर्याप्त पानी पिएं, 7-8 घंटे की गहरी नींद लें और पैशेंस रखें.

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वेट लॉस के लिए क्या करें