मोनू ने ऐसे समझाया 'पतिदेव' की परिभाषा... आप भी लें मज़े
मोनू अपने दोस्त को समझा रहा था कि जो अमृत पीते हैं, उन्हें देव कहते हैं.
जो विष पीते हैं, उन्हें महादेव कहते हैं.
और जो गुस्सा पीते हैं, उन्हें 'पतिदेव' कहते हैं.
सिक्योरिटी गार्ड के लिए इंटरव्यू में पूछा गया- अंग्रेजी आती है?
टिंकू- क्यों, चोर इंग्लैंड से आएंगे क्या?
दादा- बेटा जरा अंदर से मेरा चश्मा लेते आना.
पोता- पर अभी तो रोटी बनी नहीं हैं दादाजी.
दादा- रोटी को मार गोली सामने वाली पड़ोसन की स्माइल देख.
रमेश- शराब पीते पीते रोने लगा. उमेश- क्या हुआ... रो क्यों रहे हो? रेमश- यार, जिस लड़की को भूलने के लिए पी रहा था उसका नाम याद नहीं आ रहा.
गोलू- यार मेरे बोर्ड के एग्जाम शुरू होने वाले हैं. बड़ा भाई- अबे तो डरता क्यों है? गोलू- सब बोलते हैं दसवीं का एग्जाम ही सबसे जरूरी हैं. बड़ा भाई दोस्त से- इस बेचारे को भी एक दिन पता चलेगा कि 10 वीं की मार्कशीट तो बस जन्मतिथि देखने के काम ही आती है.
एक अंकल ने सोनू से पूछा- पढ़ाई कैसी चल रही है...?
सोनू ने जवाब दिया- अंकल, समंदर जितना सिलेबस है, नदी जितना पढ़ पाते हैं,
बाल्टी भर याद होता है, गिलास भर लिख पाते हैं,
चुल्लू भर नंबर आते हैं, उसी में डूब कर मर जाते हैं.
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