गलत तरीके से बना रहे हैं आप दाल, यहां जानें सही तरीका

15 July 2025

भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता देश है, जिसमें 32% क्षेत्र और 26% उत्पादन शामिल है.

दालें पौष्टिक सुपरफूड हैं जो पाचन में सहायक, प्रोटीन, विटामिन बी, फोलेट और आयरन से भरपूर होती हैं.

ये कब्ज रोकने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण फायदेमंद हैं.

ये कब्ज रोकने, कोलेस्ट्रॉल कम करने और लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण फायदेमंद हैं.

दालों को सही समय तक नहीं भिगोना- जिससे एंटी-न्यूट्रिएंट्स जैसे फाइटिक एसिड रुकावट बनते हैं. छोले-राजमा 8-12 घंटे, तूर-मसूर 1-4 घंटे भिगोएं.

दालों को अधपका या ज्यादा पकाना- इससे पोषक तत्वों का नुकसान पहुंचता है. इसे 20-45 मिनट प्रेशर कुकर में पकाएं.

दाल का सेवन एक बार में बहुत ज्यादा नहीं करना चाहिए. धीरे-धीरे इसकी मात्रा को बढ़ाएं. इसमें जीरा, सौंफ,अदरक जैसे मसाले डालने से पाचन में मदद मिलती है.

गलत स्टोरेज और पकाने की तकनीक, जैसे एसिडिक सामग्री शुरुआत में डालना, जिससे दालें सख्त हो जाती हैं.

सही भिगोना, पकाना, स्टोर करना और खाने की आदतें अपनाकर हम दालों के पूरे फायदे पा सकते हैं और इन्हें अपनी डेली डाइट का पावरफुल हिस्सा बना सकते हैं.