विटामिन डी को शरीर के लिए काफी जरूरी माना जाता है. विटामिन डी की कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं, जोड़ों में दर्द, पीठ दर्द के अलावा मांसपेशियों में दर्द की शिकायत भी हो सकती है.
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सूरज की धूप से हमारे शरीर में विटामिन डी बनता है. लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अधिकतर लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है.
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हमारा शरीर सूरज की रोशनी के संपर्क में आकर विटामिन डी बनाता है. लेकिन आजकल के समय में लोगों की स्किन बेहद कम धूप के संपर्क में आती है जिससे शरीर विटामिन डी नहीं बना पाता और इससे बॉडी में इसकी कमी होने लगती है.
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विटामिन डी की कमी से हड्डियां काफी ज्यादा सॉफ्ट हो जाती हैं और आसानी से टूटने लगती हैं. वहीं, वयस्कों में इस विटामिन की कमी सेऑस्टियोपोरोसिस, या हड्डियों के पतले होने का खतरा बढ़ जाता है.
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बीमार पड़ना, थकावट, हड्डियों में दर्द, कमर में दर्द, बालों का झड़ना, नाखून आसानी से टूटना, मसल्स में दर्द.
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धूप ना लेना, मोटापा, किडनी और लिवर से जुड़ी बीमारी, डेयरी प्रोडक्ट्स ना लेना आदि.
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मसल्स हेल्थ को करता है मजबूत, इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाकर , इंफेक्शन से लड़ने में करता है मदद, कई तरह के कैंसर से बचाव, डिप्रेशन को करता है कम.
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ऑयली फिश, रेड मीट, अंडे का पीला भाग, कॉड लिवर ऑयल, दूध, मशरूम, सैल्मन फिश.
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0-12 माह- 10mcg, 1-13 साल- 15mcg, 14 -18 साल- 15mcg (गर्भवती महिलाओं को 15mcg), 19-50 साल- 15 mcg (गर्भवती महिलाओं को 15mcg), 51-70 साल- 15mcg, 70 से अधिक 20mcg
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