देश में कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट तेजी से पैर पसार रहा है और पिछले कुछ हफ्तों से संक्रमितों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है.
कोरोना का नया ओमिक्रॉन वैरिएंट पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है. यह डेल्टा से करीब तीन गुना ज्यादा संक्रामक है.
दुनियाभर के शोधकर्ता और महामारी विशेषज्ञ इस नए वैरिएंट के बारे में जानकारी बटोर रहे हैं.
Pic Credit: imouniroy Instagramएक्सपर्ट कोविड-19 की बीमारी के खिलाफ इम्यून सिस्टम को सबसे मजबूत हथियार मानते हैं.
एक स्टडी के मुताबिक, वैक्सीनेशन के बाद कोविड-19 का इंफेक्शन हमारे शरीर में 'सुपर इम्यूनिटी' पैदा कर सकता है.
वैक्सीन लगवाने के बाद संक्रमित होने वाले मरीजों को सुपर इम्यूनिटी से जोड़कर देखा जाता है.
Pic Credit: imouniroy Instagramयानी वैक्सीनेट होने के बावजूद जो लोग Sars-CoV-2 से संक्रमित होते हैं, उनमें 'सुपर इम्यूनिटी' बनती है.
सुपर इम्यूनिटी ओमिक्रॉन के खिलाफ जंग में बड़ी काम आ सकती है.
सुपर इम्यूनिटी पर शोध और तेज चर्चाओं के बीच कुछ एक्सपर्ट इसे 'हाइब्रिड इम्यूनिटी' भी कह रहे हैं.
वैज्ञानिक मानते हैं कि हाइब्रिड इम्यूनिटी का असर अब भी वैक्सीन के दोनों डोज लेने से ज्यादा अच्छा हो सकता है. वैक्सीन का बूस्टर डोज इस प्रोसेस को आगे बढ़ाता है.
जाने-माने वायरलॉजिस्ट टी जैकब जॉन ने कहा था कि भारत में हाइब्रिड इम्यूनिटी ओमिक्रॉन के प्रकोप से लोगों को बचा सकती है.
जॉन ने कहा, "मुझे लगता है कि हाइब्रिड इम्यूनिटी की वजह से भारत को कम नुकसान होगा."
उन्होंने कहा कि पिछली बार देश में कई लोग अल्फा या डेल्टा वैरिएंट का शिकार हुए थे और अब बड़ी संख्या में लोगों को कम से कम एक डोज के साथ वैक्सीनेट किया जा चुका है.'