By: Aajtak.in
यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन एक आम समस्या है जिसका सामना पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा करना पड़ता है.
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यह बीमारी तब होती है जब रोगाणु मूत्र प्रणाली को संक्रमित कर देते हैं. इसका प्रभाव किडनी, ब्लैडर और इन्हें जोड़ने वाली नलिकाओं पर भी पड़ता है. समय पर इस समस्या का इलाज ना करने से गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.
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यूटीआई मुख्य रूप से ई-कोलाई बैक्टीरिया से होता है. ये बैक्टीरिया मूत्रमार्ग से होते हुए ब्लैडर तक पहुंच जाता है.
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हाइजीन का ख्याल ना रखना, डिहाइड्रेशन और कम पानी पीना, डायबिटीज, प्रेग्नेंसी और किडनी स्टोन.
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पेशाब करते समय तेज जलन, बार-बार पेशाब आना, पेशाब में खून आना, पेशाब का रंग धुंधला दिखाई देना, पेशाब से तेज दुर्गंध आना, महिलाओं के पेल्विस में दर्द.
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पेट के साइड में दर्द होना, ठंड लगना, तेज बुखार आना, उल्टी का मन करना.
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सेक्सुअली एक्टिव महिलाओं में इस इंफेक्शन की संभावना ज्यादा होती है. इसके अलावा कम पानी पीने वालों, एक दिन में कई बार नहाने वालों, बहुत देर तक पेशाब को रोक कर रखने वालों और किडनी स्टोन वालों में भी ये इंफेक्शन जल्दी होता है. यूरीन टेस्ट के जरिए यूटीआई के बारे में पता लगाया जा सकता है.
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कुछ यूटीआई बिना दवाइयों के अपने आप ठीक हो जाते हैं जबकि कुछ गंभीर इंफेक्शन का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के जरिए किया जाता है. इसके अलावा डॉक्टर आपको खूब सारा तरल पदार्थ लेने और ब्लैडर से बैक्टीरिया बाहर निकालने के लिए जल्दी-जल्दी बाथरूम जाने की सलाह दे सकते हैं.
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यूटीआई इंफेक्शन से बचने के लिए खूब सारा पानी पिएं. सेक्स से पहले और बाद में टॉयलेट जरूर जाएं. प्राइवेट पार्ट की अच्छे से सफाई करें. इसके अलावा पेशाब को देर तक नहीं रोकना चाहिए. गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और डायबिटीज के मरीजों को यूटीआई के लक्षणों को नजरअंदाज ना करें.
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