पौराणिक महत्व से अलग तुलसी एक जानी-मानी औषधि भी है, जिसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता है.
सर्दी-खांसी से लेकर कई बड़ी और भयंकर बीमारियों में भी एक कारगर औषधि है. आयुर्वेद में तुलसी के पौधे के हर भाग को स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है. तुलसी की जड़, उसकी शाखाएं, पत्ती और बीज सभी का अपना-अपना महत्व है.
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से बल्ड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है.
रोजाना तुलसी के पत्तों का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का खतरा कम होता है. इसमें मैग्नीशियम होता है, जो ब्लड फ्लो को इंप्रूव करने रक्त कोशिकाओं और मसल्स को शांत करने में मदद करता है.
बहुत सी स्टडीज में पाया गया है कि तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है. इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो स्ट्रेस और डिप्रेशन को कम करने में मदद करते हैं.
तुलसी में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टीज पाई जाती हैं. इसे रोजाना खाने से अर्थराइटिस और फाइब्रोमायल्जिया से छुटकारा मिलता है.
तुलसी के पत्तों में फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं जो अलग-अलग तरह के कैंसर जैसे लंग कैंसर, लिवर कैंसर, ओरल कैंसर और स्किन कैंसर से बचाते हैं.
तुलसी के पत्ते लिवर के लिए भी काफी फायदेमंद माने जाते हैं. यह लिवर में गंदे फैट को जमने नहीं देते. यह शरीर के टॉक्सिन पदार्थों को बाहर निकालकर खून को साफ करते हैं. इसके अलावा यह खून में जमे गंदे यूरिक एसिड को भी कम करते हैं.
तुलसी के पत्ते हमारे पेट के लिए बड़े फायदेमंद होते हैं और ये बड़ी तेजी से मेटाबॉलिज्म सिस्टम को दुरुस्त करते हैं. इसके अलावा, तुलसी के पत्ते गैस, एसिडिटी या विभिन्न प्रकार के डाइजेशन से जुड़े डिसऑर्डर में भी राहत देते हैं.