01 Oct 2024
Credit: Freepik
आज कल की भागदौड़, 5G लाइफस्टाइल या काम के दबाव में चिड़चिड़ाना, जल्दी गुस्सा आना और अधिक सोचना एक आम बात हो गई है. कहीं इन सबसे अपके मेंटल हेल्थ पर कोई असर तो नहीं पड़ रहा है?
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कहीं इन सब कारणों की वजह से आप खुद के लिए ही टॉक्सिक तो नहीं बनते जा रहें हैं? आइए जानते है सेल्फ टॉक्सिसिटी के ऐसे पांच लक्षण.
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क्या आप जो कुछ भी करते हैं उसमें हमेशा परफेक्ट होना चाहते हैं, और परफेक्शन के प्रेशर में आप बहुत ज्यादा अपनी खामियों पर ध्यान केंद्रित कर देते हैं? यह लक्षण आपके टॉक्सिक होने का संकेत देता है.
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अगर आप अक्सर ऐसा व्यवहार करते हैं जो आपकी सफलता को कमजोर करते हैं, तो यह आपकी सफलता को नुकसान पहुंचा रहे हैं. इसमें ज़िम्मेदारियों से दूर भागना, काम में देरी करना, हार मान लेना जैसे लक्षण शामिल हैं.
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बीती हुई घटना या होने वाले चीज़ों के बारे में बहुत ज्यादा चिंता करने से तनाव और थकावट हो सकती है. ज़्यादा सोचना और खुद पर ज्यादा जोर डालना आपको जीवन में गलत निर्णय लेने पर मजबूर कर सकता है.
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क्या आप हमेशा परफेक्ट और सही दिखने के लिए अपने भावनाओं को दबाते हैं? अपने भावनाओं को अनदेखा करना और उन्हें अच्छे तरीके से न समझना, अंत में भावनात्मक उतार-चढ़ाव का कारण बन सकता है.
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जरूरत पड़ने पर 'नहीं' न कह पाना सेल्फ टॉक्सिसिटी का लक्षण है क्योंकि इससे आप ऐसी ज़िम्मेदारियां ले लेते हैं, जिसे आप करना नहीं चाहते. इससे आपको कुछ समय के लिए नाराजगी महसूस हो सकती है.
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