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आपकी बालकनी में भी बैठते हैं कबतूर? जानें कैसे हो रहा है आपकी सेहत को नुकसान

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PC: Getty

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कबूतरों और इंसानों का रिश्ता काफी पुराना है. आपने कई बॉलीवुड फिल्मों और गानों में देखा होगा कि पुराने जमाने में कैसे कबूतर एक स्थान से दूसरे स्थान तक संदेश पहुंचाने का काम करते थे.

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यहां तक कि कबूतर भी इंसानों के आसपास सुरक्षित महसूस करते हैं और उनके घरों में अपना घरौंदा बनाते हैं. 

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भले ही कबूतरों और इंंसानों को एक-दूसरे की मौजदूगी से दिक्कत ना होती हो लेकिन इंसानों के स्वास्थ्य के लिए कबूतरों की मौजूदगी सही नहीं है. 

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शहरों में कबूतर ज्यादातर घरों की बालकनी और छतों पर डेरा जमाए रहते हैं.  

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कबूतर हर 15-30 मिनट में मलत्याग करते हैं जो उनकी गतिविधि के स्तर और आहार पर निर्भर करता है. सामान्यतौर पर पक्षी दिन भर में 40 से 50 बार मलत्याग करते हैं. 

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ऐसे में जहां भी ये बैठते हैं, वहां गंदगी का ढेर लगा देते हैं जो इंसानों की सेहत के लिए बेहद हानिकारक हैं. हाल ही में दिल्ली के एक लड़के को कबूतरों की बीट के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण एक दुर्लभ और जानलेवा फेफड़ों की बीमारी हो गई.

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कबूतर भले ही इंसानों के लिए सेफ हों.... harmless (सीधे-सादे) लगते हों लेकिन उनका मल हमारे पर्यावरण को दूषित करता है और हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल सकता है. 

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ऐसे में कबूतरों से इंसानों को होने वाले खतरों को समझना और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रखने की जरूरत है. 

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हैदराबाद के केयर हॉस्पिटल्स में कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सी. सतीश रेड्डी ने कबूतरों की बीट से होने वाले नुकसान के बारे में कहा, 'कबूतर के मल में ऐसे प्रोटीन होते हैं जो इंसानों की इम्युनिटी को ट्रिगर कर सकते हैं जिससे सांस संबंधी कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं.'

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1-कबूतर की बीट के संपर्क में लंबे समय तक रहने से फेफड़ों में सूजन हो सकती है.

कबूतर के मल से होने वाली बीमारियां

2-जिन लोगों को पहले से एलर्जी है, उन्हें मल के संपर्क में आने से छींकने, नाक बहने और आंखों में खुजली जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. 

कबूतर के मल से होने वाली बीमारियां

3-बीट में मौजूद बैक्टीरिया और कवक सांस के संक्रमण का कारण बन सकते हैं. 

कबूतर के मल से होने वाली बीमारियां

4-अस्थमा या किसी और सांस की बीमारी से पीड़ित लोगों में कबूतर की बीट लक्षणों को गंभीर कर सकती है.

कबूतर के मल से होने वाली बीमारियां

5-बीट में मौजूद बैक्टीरिया और कवक भी फेफड़ों में संक्रमण का कारण बन सकते हैं. 

कबूतर के मल से होने वाली बीमारियां

इस स्थिति से बचने के लिए अपने घरों को कबूतरों का डेरा बनने से बचाएं. अपनी बालकनी को जाली से कवर कर दें. कबूतरों के संपर्क में कम से कम आएं. बालकनी और छत में गिरी गंदगी साफ करते समय दस्ताने और मास्क पहनें. सफाई के लिए कीटाणुनाशक और पानी का उपयोग करें. झाड़ू या वैक्यूम क्लीनर से बचें क्योंकि इससे आपके आसपास की हवा दूषित होती है.

कैसे बचें