Omicron का खतरा, इन लक्षणों को ना करें इग्नोर
कोरोना वायरस का नया वैरिएंट Omicron सुर्खियों में बना हुआ है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट ( B.1.1.529) दुनिया के सामने एक नई मुसीबत बनकर आया है.
WHO ने इसे लेकर चिंता जाहिर की है और इसे ''वैरिएंट ऑफ कन्सर्न' के रूप में सूचीबद्ध किया है.
दक्षिण अफ्रीका में ओमिक्रॉन की पहचान करने वाली डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले इसके लक्षण एक 30 साल के शख्स के अंदर देखे थे.
इस वैरिएंट से संक्रमित होने वाले मरीज को बहुत ज्यादा थकान रहती है.
इसके अलावा हल्के सिरदर्द के साथ पूरे शरीर में दर्द होता है.
कुछ मरीजों को गला छिलने जैसी दिक्कत भी थी.
डॉक्टर ने बताया कि डेल्टा वैरिएंट की तरह इसमें मरीज को खांसी नहीं होती है.
ना ही लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल जैसा कोई लक्षण देखा गया है.
एक्सपर्ट्स का दावा है कि ओमिक्रॉन जैसे खतरनाक वैरिएंट पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज थैरेपी का कोई असर नहीं होता है.
यह वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट से छह गुना ज्यादा ताकतवर है और इसका संक्रमण तेजी से फैलता है.
डेल्टा वही वैरिएंट है जिसने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाकर रख दी थी.
ओमिक्रॉन वैरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है.
ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेट वर्जन देखा गया है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए हैं. यही वजह है कि नए वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक चिंतित हैं.
ओमिक्रॉन पिछले बीटा और डेल्टा वेरिएंट से आनुवांशिक रूप से अलग है.
दक्षिण अफ्रीका में पाया गया खतरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट अब तक कई देशों में फैल चुका है.
जर्मनी, इटली, बेल्जियम, इजरायल और हॉन्गकॉन्ग में इसके नए मामले दर्ज किए गए.