ये हैं Stress और एंग्जाइटी को दूर करने का देसी उपाय, एक बार जरूर अपनाएं

08 Aug 2025

भारत में करीब 74% लोग स्ट्रेस और 84% लोग एंग्जाइटी से प्रभावित हैं, लेकिन ज्यादातर को इसके समाधान या बचाव के बारे में जानकारी नहीं होती. इस मामले में तुलसी का पत्ता आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है.

तुलसी एक एडाप्टोजेन हर्ब है, जिसका मतलब है कि यह शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन कॉर्टिसोल के लेवल को कंट्रोल करता है.

कई रिसर्च में यह पाया गया है कि तुलसी के नियमित सेवन से एंग्जाइटी कम होती है और स्लीप क्वॉलिटी भी बेहतर होती है.

तुलसी की चाय: एक कप पानी में 5-7 तुलसी के ताजे पत्ते, थोड़ा अदरक और दालचीनी डालकर 5 मिनट उबालें. यह चाय न सिर्फ स्वादिष्ट होती है, बल्कि मन को शांत कर स्ट्रेस घटाती है. इसे शाम को कॉफी या सामान्य चाय के ऑप्शन के रूप में पीना लाभदायक होता है.

तुलसी का काढ़ा: अगर आपको तुलसी की चाय से ज्यादा स्ट्रांग प्रभाव चाहिए, तो तुलसी के पत्ते, अदरक, दालचीनी और थोड़ा काली मिर्च लेकर 10 मिनट तक उबाल कर बनाए गए काढ़े को गरम-गरम पी सकते हैं. इसे आप दिन में कभी भी पी सकते हैं. शहद मिलाकर स्वाद बढ़ाया जा सकता है, लेकिन दूध या चीनी न मिलाएं.

तुलसी के पत्ते चबाना: जब समय कम हो और एंग्जाइटी ज्यादा महसूस हो, तो सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी के पत्ते चबाना भी मददगार होता है. हालांकि इसे रोज-रोज न करें क्योंकि इससे दांतों को नुकसान हो सकता है. पत्ते चबाने के बाद कुल्ला जरूर करें, खासकर अगर आपकी दांतों में सेंसिटिविटी हो तो यह तरीका न अपनाएं.

तुलसी का सेवन आमतौर पर सेफ है, लेकिन कुछ मामलों में इससे बचना चाहिए. जैसे प्रेग्नेंसी, ब्लड थिनर या शुगर की दवाइयां लेने वाले लोग बिना डॉक्टर की सलाह के तुलसी का उपयोग न करें.

इसके अलावा, अगर तुलसी का स्वाद या पत्तों को सीधे खाना मुश्किल लगे तो बाजार में उपलब्ध तुलसी के कैप्सूल भी एक ऑप्शन हैं.