05 Aug 2025
Photo: Ai Generated
दही भारतीय खाने का एक अहम हिस्सा है. सभी घरों में दही के खाने में डाला जाता है और रायते की तरह भी खाया जाता है.
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दही ना केवल खाने का स्वाद बढ़ाती है, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है.
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ऐसे में लोग इसे सेहतमंद समझकर कैसे भी और कभी भी खा लेते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दही को गलत तरीके से खाने से सेहत को नुकसान हो सकता है?
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रोज दही खाते समय की छोटी-छोटी गलतियां खांसी-जुकाम से लेकर डाइजेशन से जुड़ी परेशानियां तक बढ़ा सकती हैं. आज हम आपको उन गलतियों के बारे में बताएंगे जो आप अक्सर दही खाने में करते हैं.
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दही में चीनी मिलाना: कई लोग दही का स्वाद बढ़ाने के लिए उसमें चीनी मिलाते हैं, लेकिन इससे यह आपके पेट में और भी ज्यादा फर्मेंट हो सकता है. फर्मेंटेड चीनी एसिडिटी बढ़ाती है और वजन बढ़ा सकती है.
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ठंडे मौसम में या बीमारी के दौरान दही खाना: दही का स्वाद ठंडा होता है, आयुर्वेद चेतावनी देता है कि यह सर्दी, साइनस की समस्या और खांसी को बढ़ा सकती है. ऐसे में इसे ठंडे मौसम या सर्दी-जुकाम के दौरान नहीं खाना चाहिए.
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दही में फल मिलाना: दही को खट्टे फलों के साथ मिलाने से डाइजेशन की समस्या होती है और आयुर्वेदिक दिशानिर्देशों के अनुसार इन्हें साथ खाने से पेट फूलने, एसिडिटी या स्किन संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं.
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सादा या बिना मसाले वाली दही खाना: सादी दही पेट के लिए भारी होती है और इसे खाने से बलगम बनने की संभावना भी होती है. भुना हुआ जीरा, काला नमक या अदरक जैसे मसाले दही में डालकर खाने से डाइजेशन दुरुस्त रहता है.
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फ्लेवर्ड दही खाना: पैकेज्ड या फ्लेवर्ड दही में अक्सर एक्स्ट्रा चीनी, फ्लेवर और प्रिजर्वेटिव होते हैं जो पेट के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं. सादी घर की बनी दही खाना ज्यादा हेल्दी होता है.
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फिश, मांस या कुछ सब्जियों के साथ दही खाना: आयुर्वेद दही को मछली या मांस जैसे प्रोटीन से भरपूर फूड्स, या प्याज या बैंगन जैसी सब्जियों के साथ न खाने की सलाह देता है. ये शरीर में टॉक्सिंस पैदा करता है.
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रात में दही खाना: आयुर्वेद के मुताबिक, सूर्यास्त के बाद दही नहीं खा्नी चाहिए. रात में, डाइजेस्टिव सिस्टम धीमा हो जाता है, जिससे बलगम बढ़ सकता है, इनडाइजेशन हो सकता है या अस्थमा और सर्दी के लक्षण बढ़ सकते हैं.
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दही को गर्म करना या पकाना: दही को गर्म करने पर उसके प्रोबायोटिक बैक्टीरिया और लाभकारी पाचन गुण नष्ट हो जाते हैं. आयुर्वेद के अनुसार, दही को गर्म करने से टॉक्सिंस पैदा हो सकते हैं जो सूजन, सांस संबंधी समस्याएं या पाचन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
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