प्रेग्नेंसी के दौरान कितना होना चाहिए हीमोग्लोबिन? इस लेवल से कम हो सकता है खतरनाक

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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं. बहुत सी महिलाओं के शरीर में इस दौरान खून की कमी होने लगती है.

प्रेग्नेंसी

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प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन के लेवल का सामान्य रहना काफी जरूरी होता है. बता दें कि हीमोग्लोबिन ही ऑक्सीजन को शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है. जब हीमोग्लोबिन कम होता है तो ऑक्सीजन आपके शरीर के विभिन्न अंगों और बच्चे तक नहीं पहुंच पाता है जिससे उसका विकास नहीं हो पाता.

प्रेग्नेंसी में हीमोग्लोबिन का लेवल

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आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि प्रेग्नेंसी में हीमोग्लोबिन की मात्रा कितनी होनी चाहिए.

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हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही और तीसरी तिमाही में हीमोग्लोबिन की मात्रा 11 से ज्यादा होनी चाहिए. वहीं, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में हीमोग्लोबिन की मात्रा 10 से ज्यादा होनी चाहिए.

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प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है. आइए जानते हैं इनके बारे में -

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हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि गर्भवती महिला के शरीर में खून कम होने से बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ता है. इससे बच्चे का वजन कम रह सकता है और ग्रोथ भी कम हो सकती है.

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बच्चे के विकास पर असर

गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी होने पर प्रीमैच्योर डिलीवरी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ सकता है. साथ ही समय से पहले ही महिला को लेबर पेन शुरू हो सकता है.

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प्रीमैच्योर डिलीवरी

गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी होने पर जन्म के समय बच्चे की जान को खतरा हो सकता है या आगे चलकर बच्चे को एनीमिया हो सकता है.

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जान को खतरा

यह एक सामान्य जानकारी है. प्रेग्नेंसी के दौरान कोई भी दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

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