उदासी है या डिप्रेशन? ऐसे करें बिगड़ती मेंटल हेल्थ की पहचान, जानें अवसाद के लक्षण

24 Sep 2024

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आज के वक्त में अवसाद या डिप्रेशन ऐसे शब्द हो गए हैं जिनसे शायद ही कोई व्यक्ति अंजान हो. इस शब्द को लोगों ने सुना तो जरूर है, लेकिन बहुत कम लोग हैं जो सही मायनों में इसका मतलब जानते और समझते हैं.

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कई लोग अक्सर उदासी को डिप्रेशन में कंफ्यूज होते हैं. उदास व्यक्ति को ये लगने लगता है कि वो डिप्रेशन में है.

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उदासी एक आम मानवीय भवाना है. हर व्यक्ति जीवन में कभी न कभी इस भावना को महसूस जरूर करता है. हालांकि, उदासी ऐसी होती है जो व्यक्ति के अंदर ज्यादा समय तक नहीं होती है.

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किसी अप्रिय घटना के बाद व्यक्ति अक्सर उदास महसूस करता है. किसी की डेथ, किसी इंटरव्यू को क्लियर ना कर पाना, मन की बात पूरी ना होना जैसी घटनाओं से व्यक्ति उदास हो सकता है, लेकिन ये समय के साथ गायब हो जाती है.

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डिप्रेशन एक मेंटल डिसऑर्डर है, जिसका समय रहते इलाज होना बेहद जरूरी है. जब कोई व्यक्ति डिप्रेशन में होता है वो लगातार उदास रहने लगता है. हालांकि, ऐसा नहीं है कि डिप्रेशन में व्यक्ति दूसरों के सामने भी खुद को उदास ही दिखाए. 

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अगर कोई डिप्रेशन में है तो वो चाहे लोगों के बीच हंस-बोल रहा हो, लेकिन अंदर से बहुत खाली और उदास महसूस करता है. वहीं, डिप्रेशन में व्यक्ति की रोजाना की जिंदगी प्रभावित होने लगती है.

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अगर आप लगातार हफ्तों तक खुद को बिना किसी बात के उदास पाते हैं तो हो सकता है कि आप डिप्रेशन का शिकार हों. ऐसा व्यक्ति खुद को हमेशा खराब मूड में पाता है.

डिप्रेशन के लक्षण

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व्यक्ति के अंदर से कुछ भी करने की इच्छा खत्म हो जाती है. चीजों से रुचि खत्म होने लगती है. व्यक्ति की सोने के पैटर्न में भी बदलाव आता है. 

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कुछ लोग जरूरत से ज्यादा सोने लगते हैं. पूरी नींद लेने के बाद भी वो खुद में कम ऊर्जा पाते हैं. कुछ लोगों को नींद आनी बंद हो जाती है. वो पूरी-पूरी रात, पूरा-पूरा दिन जागते हुए गुजार देते हैं. 

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नींद के साथ-साथ, अवसादग्रस्त व्यक्ति की डाइट पर भी असर पड़ने लगता है. डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति में ये सभी लक्षण लंबे समय तक रहते हैं. अगर आपमें ये लक्षण 2 सप्ताह से ज्यादा के लिए रहते हैं तो आपको मनोवैज्ञानिक से सलाह लेने की जरूरत है. 

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