10 AUG 2025
कब्ज को अक्सर मामूली समस्या समझा जाता है, लेकिन यह हमारे खान-पान और लाइफस्टाइल में कहीं छुपे हुए दोष का संकेत है. जब मल लंबे समय आंतों में रहता है, तो वह सड़ने लगता है और उससे विषैले तत्व निकलते हैं, जो गैस, एसिडिटी, स्किन की समस्याएं और गंभीर बीमारियों जैसे बवासीर (पाइल्स), आईबीएस (इरिटेबल बॉवल सिंड्रोम) और पेट के अल्सर का कारण बन सकते हैं.
तो अगर आप कब्ज की समस्या से परेशान हैं तो इन बातों पर जरूर ध्यान दें.
कब्ज 95% मामलों में बीमारी नहीं बल्कि गलत आदतों की वजह से होता है. इन्हें सुधारकर बिना दवा के भी ठीक किया जा सकता है.
सोने से पहले आधा गिलास गर्म दूध पीना आंतों को चिकना करता है और कब्ज दूर करता है. दूध में सूखे सौंफ, अदरक या इलायची डालना और भी फायदेमंद होता है.
सुबह उठते ही गर्म पानी पीना आंतों की सफाई करता है. तांबे के बर्तन में रखा पानी खास लाभदायक होता है. आधे घंटे बाद हल्की टहल करें और पेट की हल्की मालिश करें.
इंडियन स्टाइल बैठना या वेस्टर्न टॉयलेट पर थोड़ा झुकना आंतों पर दबाव डालता है जिससे मल ज्यादा आसानी से बाहर निकलता है.
सौंफ को पानी में उबालकर उसमें घी मिलाकर पीने से आंतों में चिकनापन आता है और मल सुलभ होकर निकलता है.
ज्यादा चिप्स, मैदा, बिस्कुट से बचें. ओट्स, हरी सब्जियां जैसे पालक, मेथी, लौकी और बाजरा को अपनी रोटियों और खाने में शामिल करें. फल जैसे अमरूद, नाशपाती, सेब और पपीता कब्ज से लड़ने में मदद करते हैं.
खाने के 1-2 घंटे बाद 1-2 गिलास पानी पीना चाहिए ताकि मल नरम रहे और आसानी से बाहर निकले.
रात को 7-8 बजे तक हल्का भोजन करें ताकि पाचन सही हो और पेट साफ रहे.