कोलेस्ट्रॉल खून में मौजूद एक तरह का वैक्स होता है. यह 2 प्रकार का होता है गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल.
गुड कोलेस्ट्रॉल यानी हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन (HDL) और लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन यानी बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL).
LDL कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए खतरनाक होता है. इसके बढ़ने से शरीर में काफी सारी समस्याएं होने लगती हैं.
शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ने पर हार्ट डिजीज की समस्या का सामना करना पड़ता है.
हाई कोलेस्ट्रॉल को इसलिए भी ज्यादा खतरनाक माना जाता है क्योंकि इसके शरीर में कोई भी लक्षण नजर नहीं आते जिस वजह से इसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है.
शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से रक्त वाहिकाओं में फैट जमा होता है जिससे आपकी आर्टरीज में ब्लड का फ्लो काफी मुश्किल हो जाता है.
कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर शरीर में कुछ सेंसेशन हो सकती हैं.
अगर आपको कोई भी काम करते समय हाथ और पैरों में दर्द होता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपके शरीर में कोलेस्ट्रॉल का लेवल हाई है.
कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर दर्द के साथ ही क्रैम्प की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है.
हाथ पैरों में आने वाले ये क्रैंप्स कई बार माइल्ड होते हैं लेकिन कभी-कभी यह काफी दर्दनाक भी हो सकते हैं.