आदतें जो शरीर में कम कर सकती हैं हैपी हार्मोन, आप भी जानें

14 June 2025

डोपामाइन, सेरोटोनिन, ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन को हैप्पी हार्मोन कहा जाता है. ये केमिकल सुपरहीरो आपकी मेंटल तौर पर उत्साहित रखने में मदद करते हैं. लेकिन रोजाना की कुछ आदतें आपके इन हैप्पी हार्मोन को नुकसान पहुंचा रही हैं. जिससे आप हर समय चिड़चिड़े, थके हुए और उदास महसूस करते हैं.

हैप्पी हार्मोन

रात में देर तक जगे रहना या देर रात तक स्क्रीन का इस्तेमाल करने से सेरोटोनिन उत्पादन और डोपामाइन रेगुलेशन पर बुरा असर पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि आप रात में जल्दी सोएं और स्क्रीन से दूर रहें.

हैप्पी हार्मोन खत्म करती हैं ये आदतें

देर रात तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना आपके डोपामाइन को हाईजैक कर लेता है. सोशल मीडिया पर की तरह की खबरें और पोस्ट दिखाई देते हैं जिससे आपको तनाव या भावनात्मक जलन होती है.

कॉफी का सेवन बहुत ज्यादा करना भी आपके हैप्पी हार्मोन पर बुरा असर डालता है. इससे आपको चिड़चिड़ापन हो सकता है. हैप्पी हार्मोन के लेवल को बढ़ाने के लिए जरूरी है कि आप कॉफी कम पिएं और खाना खाएं.

बहुत से लोग धूप में जाना बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं. नेचुरल लाइट की कमी से आपके शरीर में विटामिन डी का लेवल कम हो जाता है. 15 से 20 मिनट की धूप आपके मूड को ठीक कर सकती है.

सुस्त लाइफस्टाइल भी हैप्पी हार्मोन पर बुरा असर डालती है. आप घर पर या किचन में ही डांस ब्रेक ले सकते हैं.

क्रॉनिक स्ट्रेस आपके सिस्टम को कोर्टिसोल से भर देता है, जो सेरोटोनिन और डोपामाइन को पीछे धकेल देता है.

फिजिकल टच भी शरीर में ऑक्सीटोसिन हार्मोन के लेवल को बढ़ाता है. किसी को गले लगाने,  हाथ थामने या शरीर की मालिश करने से शरीर में इस हार्मोन का लेवल बढ़ने लगता है.

अकेलापन ऑक्सीटोसिन और सेरोटोनिन के लेवल को कम करता है. ऐसे में जरूरी है कि आप लोगों से बात करें और उनसे मिलें.