अगर तरबूज की बात की जाए तो सबसे पहले आपके दिमाग में लाल तरबूज आता होगा.
लेकिन क्या आपने कभी तरबूज का रंग पीला देखा है? अगर नहीं तो आपको इसे एक बार जरूर ट्राई करना चाहिए.
Credit: Freepik
यह तरबूज बाहर से दिखने में लाल तरबूज जैसा ही है लेकिन अंदर से पूरी तरह पीला है.
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पीले तरबूज की खेती लाल तरबूज के आने से पहले से की जा रही है.
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लगभग 5,000 साल पहले पीले तरबूज पहली बार अफ्रीका में उगाए गए थे.
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पीले तरबूजे के साथ कई सालों तक एक्सपेरिमेंट किए गए. तरह-तरह की क्रॉस ब्रीडिंग करवाई गईें. जिसमें इनका रंग और टेक्सचर बदलता गया.
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हाइब्रिड किस्मों में लाइकोपीन की मात्रा समय के साथ बढ़ती गई, जिसके चलते फल लाल हो गए.
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रंग के साथ-साथ दोनों रंग के तरबूजों में स्वाद का भी थोड़ा फर्क है.
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पीली किस्में आमतौर पर गुलाबी की तुलना में थोड़ी मीठी होती हैं और इनमें शहद जैसा स्वाद अधिक होता है.
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पोषक तत्वों के रूप से, दोनों किस्मों में विटामिन ए और सी की अच्छी मात्रा पाई जाती है.
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हालांकि पीले तरबूज में लैकोपीन नहीं होता है. यह एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है जो कैंसर से बचाव के लिए सक्षम माना जाता है.
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