समोसा सभी का पसंदीदा स्नैक है. आलू से भरा हरी चटनी के साथ गरमागरम समोसा खाकर मजा आ जाता है.
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गली नुक्कड़ से लेकर 5 स्टार होटल तक में आपको समोसा मिल जाएगा लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में इतना पसंद किए जाने वाला समोसा असल में भारतीय है ही नहीं.
आइए जानते हैं कि हमारे जुबान पर समोसे का स्वाद कैसे चढ़ा? आखिर कब और कैसे समोसे ने भारत में दस्तक दी.
14वीं सदी में जब कुछ व्यापारी मध्य पूर्वी एशिया से दक्षिण एशिया आए तो वह अपने साथ खाने-पीने का इंतजाम करके लाए, जिसमें समोसा भी शामिल था.
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जब समोसा भारत पहुंचा तो खुसरो अमीर को भी इसका स्वाद बहुत पसंद आया और उन्होंने अपनी शाही रसोई में इसे जगह दी.
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पहले समोसे में मेवा की फिलिंग की जाती थी लेकिन भारतीय को यह इतना पसंद आया कि उन्होंने इसमें अपना एक्सपेरिमेंट कर डाला.
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भारतीय को समोसे में आलू भरकर ऐसा कमाल दिखाया कि इसका स्वाद सभी की जुबान पर चढ़ गया और आलू से भरा समोसा सभी के दिलों की जान है.
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अगर आप बंगाल की तरफ जाएं तो वहां आपको आलू और मूंगफली के साथ-साथ मटन के भरवां समोसे मिलेंगे. जिसे बंगाल के लोग सिंघाड़ा नाम से पुकारते हैं.
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हैदराबाद के आलू समोसे का भी जवाब नहीं है. यहां समोसे को लपेटने का तरीका इसे बाकियों से अलग बनाता है.
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आज समोसा दिवस पर समोसा पार्टी करके इस स्वादिष्ट चीज को जरूर सेलिब्रेट करें.
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