आपने कई बार देखा होगा कि कुछ आलू हरे रंग के होते हैं, या फिर आलू का कुछ हिस्सा हरे रंग का हो जाता है.
इसे लेकर आम धारणा है कि हरा मतलब कच्चा. लेकिन आलू में हरा रंग कच्चा होने की पहचान नहीं है.
तो आलू क्यों हरा हो जाता है और क्या इसे खाना सुरक्षित है? आइये जानते हैं.
जब आलू सीधी धूप के संपर्क में आते हैं, तो वे स्वाभाविक रूप से हरे होने लगते हैं. ये हरा रंग क्लोरोफिल से आता है.
क्लोरोफिल एक हानिरहित कंपाउंड है, जो पौधों को हरा रंग देता है. प्रकाश संश्लेषण के लिए क्लोरोफिल आवश्यक है.
ये पौधे को खाना देता है. सूरज की रोशनी के संपर्क में आने से आलू में क्लोरोफिल का उत्पादन तेज हो जाता है.
नेशनल कैपिटल पॉइज़न सेंटर के मुताबिक, हरे आलू खाने के लिए सुरक्षित नहीं हैं.
इस कंपाउंड के ज्यादा मात्रा में खाने से पाचन संबंधी समस्याओं जैसे मतली और दस्त के साथ-साथ सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं.