आपने भी देखा होगा कि आलू, सेब, बैंगन जैसे कई फल-सब्जियां कटने के बाद रंग बदलने लगते हैं.
लोगों में आम धारणा है कि आयरन के चलते फल-सब्जी का रंग भूरा होने लगता है, जो बिल्कुल गलत है.
ये एक साइटिफिक क्रिया है, इसका नाम Enzymatic Browning है.
हवा के संपर्क में आने पर एक रिएक्शन शुरू होता है. जिससे इनका रंग गहरा होता है.
हवा में ऑक्सीजन होती है और फलों में कोशिकाओं में फिनोल और एंजाइम फिनोलस पाए जाते हैं.
जब ये हवा में ऑक्सीजन के संपर्क में आते हैं, तो एक रिएक्शन होता है, इसमें फिनोलेज़ फिनोल को मेलेनिन में बदल देता है.
मेलेनिन का रंग भूरा होता है. इसी के चलते फलों-सब्जियों का रंग भूरा होने लगता है.
मेलेनिन एक पिगमेंट है, इंसान के बाल, त्वचा और आंखें के रंग के लिए भी यही पिगमेंट जिम्मेदार होता है.