02 Dec 2022 By: Aajtak.in

व्हिस्की में ठंडा पानी डालना सही नहीं? जानिए वजह 

भारत में लोग ठंडे पानी के अलावा जूस, सोडा, एनर्जी ड्रिंक और न जाने क्या-क्या मिलाकर शराब पीते हैं. 

Pic Credit: urf7i/instagram

खान-पान विशेषज्ञ मानते हैं कि शराब में मिलाए जाने वाले पानी के तापमान की बहुत बड़ी अहमियत होती है. 

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दरअसल, इंसान की स्वाद ग्रंथियां तरल पदार्थ के अलग-अलग तापमान पर अलग-अलग ढंग से प्रतिक्रिया देती हैं. 

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इसलिए अलग अलग तापमान के तरल को चखते वक्त इंसान को स्वाद भी अलग-अलग महसूस होता है. 

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खाने-पीने की चीज हो या ड्रिंक्स, ठंडी होने पर हमारी स्वाद ग्रंथियां उनके फ्लेवर को ढंग से समझ नहीं पातीं. 

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बेहतर स्वाद या फ्लेवर तभी पता चलता है जब खाना या ड्रिंक पहले के मुकाबले गर्म हो. 

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यही वजह है कि गर्म बीयर का स्वाद कड़वा महसूस होता है, जबकि ठंडी या चिल्ड बीयर पीने में मुश्किल नहीं होती.

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वाइन एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इंसानी स्वाद ग्रंथियां 15 से 35 डिग्री सेंटिग्रेट तापमान के बीच सबसे बेहतर ढंग से काम करती हैं. 

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35 डिग्री पर स्वाद ग्रंथियां पूरी तरह खुली होती हैं और चीजों को चखने पर हमारे दिमाग को स्वाद के बारे में स्पष्ट संदेश भेजती हैं. 

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शायद यही वजह है कि वाइन एक्सपर्ट्स महंगी शराब को बिना कुछ मिलाए पीने की सलाह देते हैं. 

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एक्सपर्ट्स का मानना है कि व्हिस्की का सही फ्लेवर जानने के लिए पानी का तापमान रूम टेंप्रेचर या उससे थोड़ा ज्यादा होना चाहिए.

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